उदयपुर 16 सितम्बर 2025
राजस्थान के उदयपुर जिले के सलूम्बर क्षेत्र में मिड-डे मील खाने के बाद 25 बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। बच्चों को उल्टियां और चक्कर आने लगे, जिसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सभी बच्चों को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज शुरू किया। घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
सरकारी व्यवस्था पर बड़ा सवाल
सरकार बच्चों को पोषण देने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत बेहद डरावनी है। मिड-डे मील योजना की गुणवत्ता को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं, मगर उदयपुर की यह घटना यह साबित करती है कि जिम्मेदार विभाग पूरी तरह लापरवाह है। आखिर बच्चों की थाली में ज़हर कौन परोस रहा है?
अभिभावकों में गुस्सा, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
बीमार बच्चों के परिजनों ने स्कूल प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। माता-पिता का कहना है कि उनके बच्चों की ज़िंदगी खतरे में डाली गई है। गुस्साए अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।
जांच शुरू, मगर जवाबदेही कब तय होगी?
स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी घटनाओं के बाद सिर्फ जांच और बयानबाज़ी क्यों होती है? दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों पर अब तक सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या सरकार बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर इतनी गैर-ज़िम्मेदार हो चुकी है?
मासूमों की ज़िंदगी से खिलवाड़
यह घटना महज़ एक हादसा नहीं बल्कि व्यवस्था की विफलता का शर्मनाक उदाहरण है। जब 25 मासूम एक साथ बीमार होकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो यह साफ संकेत है कि मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार और लापरवाही गहरे तक पैठ बना चुकी है।