नई दिल्ली
18 जुलाई 2025
बुमराह को लेकर बढ़ा चयन दबाव, टीम इंडिया के सामने बड़ी चुनौती
इंग्लैंड के खिलाफ चल रही पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। भारत पहले ही दो मुकाबले हार चुका है और अब मैनचेस्टर में खेले जाने वाला यह टेस्ट अंतिम उम्मीद की तरह देखा जा रहा है। ऐसे में टीम मैनेजमेंट पर तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को अंतिम एकादश में शामिल करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। बुमराह चोट के बाद वापसी कर चुके हैं और उन्होंने सीमित मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन भी किया है, लेकिन उनके फिटनेस स्तर को लेकर चयनकर्ता पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिख रहे। फिर भी, जब श्रृंखला बचाने की बात हो, तो बुमराह जैसे मैच-विनर को नजरअंदाज़ करना आसान नहीं होता।
थकान, संयोजन और रणनीति – चयन समिति के सामने बहुआयामी सवाल
बुमराह की वापसी सिर्फ उनकी फिटनेस पर नहीं, बल्कि गेंदबाजी आक्रमण की थकान और विविधता पर भी निर्भर करती है। मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर और अर्शदीप सिंह जैसे गेंदबाज अब तक हुए तीन टेस्ट में भारी ओवर डाल चुके हैं। सिराज ने अकेले ही 100 से अधिक ओवर डाले हैं, जिससे उनकी गति और नियंत्रण पर असर पड़ा है। दूसरी ओर, बुमराह के पास ब्रेक के कारण ताजगी है, लेकिन उन्हें सीधे हाई प्रेशर मैच में उतारना जोखिम भी हो सकता है। इसके अलावा, भारत को यह भी तय करना होगा कि अतिरिक्त स्पिनर के रूप में रविचंद्रन अश्विन को मौका दिया जाए या चार तेज गेंदबाजों के साथ जाया जाए। इन तमाम समीकरणों के बीच बुमराह को खिलाना रणनीतिक रूप से अहम हो सकता है।
बुमराह की वापसी बन सकती है निर्णायक मोड़
टीम इंडिया की उम्मीदें इस बात पर टिकी हैं कि अगर बुमराह खेलते हैं तो वह इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाज़ी लाइनअप को कैसे संभालते हैं। उनके पास गति, सटीकता और मानसिक दबाव बनाने की क्षमता है, जो सीमित गेंदबाजों के पास होती है। बुमराह का एक स्पेल मैच का रुख पलट सकता है, और यही वजह है कि टीम मैनेजमेंट, कप्तान शुभमन गिल और कोचिंग स्टाफ उन्हें लेकर एकमत नहीं हैं, बल्कि गंभीर विचार कर रहे हैं। वहीं बुमराह की मौजूदगी से अन्य गेंदबाजों पर से दबाव भी कम होगा, जिससे वे खुलकर गेंदबाज़ी कर सकेंगे। पिछले दो टेस्ट में भारत को अंतिम दिन विकेट नहीं मिल सके, ऐसे में बुमराह की वापसी ‘गेंदबाजी की धार’ लौटा सकती है।
सिराज-अर्शदीप का साथ और पंत की संभावित वापसी
इस मुकाबले में बल्लेबाज़ी क्रम भी संतुलन का विषय बना हुआ है। ऋषभ पंत की चोट के बाद उनकी संभावित वापसी से टीम को मजबूती मिल सकती है। अगर पंत फिट होकर लौटते हैं तो भारत को छठे नंबर पर एक ऐसा खिलाड़ी मिलेगा जो आक्रामक रुख अपनाकर विपक्षी गेंदबाजों को दबाव में ला सकता है। वहीं गेंदबाजी में सिराज और अर्शदीप के अनुभव का लाभ उठाते हुए बुमराह को स्पेल की गहराई दी जा सकती है। इससे न केवल बुमराह पर निर्भरता कम होगी, बल्कि टीम की समग्र गेंदबाजी क्षमता भी बढ़ेगी।
बुमराह की वापसी टीम इंडिया की किस्मत बदल सकती है
भारत के लिए मैनचेस्टर टेस्ट सिर्फ एक और मैच नहीं है – यह आत्मसम्मान और रणनीतिक संयोजन की परीक्षा भी है। बुमराह जैसे मैच विनर की वापसी टीम में जोश भर सकती है और इंग्लैंड के खिलाफ पिछली हार का बदला लेने की राह खोल सकती है। चयन समिति और कोचिंग स्टाफ को अब सिर्फ खिलाड़ी की फिटनेस नहीं, बल्कि टीम की जरूरत, श्रृंखला की स्थिति और विरोधी टीम की ताकत को ध्यान में रखते हुए फैसला करना होगा। अगर बुमराह को अंतिम एकादश में जगह मिलती है, तो यह भारत के जीत के समीकरण को पूरी तरह बदल सकता है।