गाजियाबाद / दिल्ली 27 अगस्त 2025
दिल्ली-एनसीआर में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में दाखिले का झांसा देकर छात्रों और अभिभावकों से करोड़ों रुपये ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। इस मामले में द्वारका साइबर क्राइम पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस की मदद से दो आरोपियों कुशाग्र श्रीवास्तव और चिन्मय सिंहा को मंगलवार देर शाम गिरफ्तार किया है। दोनों को इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के न्यायखंड और शक्तिखंड से दबोचा गया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके घरों से करोड़ों रुपये की भारी-भरकम नकदी बरामद की है। बरामद धनराशि को जब्त कर लिया गया है और दोनों आरोपियों को द्वारका थाने से आई साइबर सेल की टीम अपने साथ ले गई।
FIR का पूरा ब्यौरा
इस पूरे मामले में FIR नंबर 50/2025 दर्ज की गई है। यह केस U/S 318(4)/61(2) BNS के अंतर्गत दर्ज किया गया है। एफआईआर की तारीख 25/08/2025 है और जांच का जिम्मा Cyber Police Station, Dwarka, New Delhi के पास है। जांच अधिकारी (IO) के रूप में SI Vikas Sangwan को नियुक्त किया गया है। FIR की कॉपी के मुताबिक, जांच के दौरान आरोपियों से पूछताछ जरूरी समझी गई है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके। इसी सिलसिले में आरोपियों और संबंधित गवाहों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें हिदायत दी गई है कि वे किसी भी तरह से सबूतों से छेड़छाड़ न करें और न ही किसी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास करें।
अदालत में पेशी टली
आरोपियों को द्वारका कोर्ट में आज (बुधवार) पेश किया जाना था, लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से पेशी संभव नहीं हो सकी। दोनों को पुलिस हिरासत में ही रखा गया है और अब गुरुवार को अदालत में पेश किया जाने की उम्मीद है।
जांच का दायरा बढ़ा
प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आरोपियों का नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में फैला हुआ है और इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस का मानना है कि कई मासूम छात्र और अभिभावक इस ठगी के शिकार हुए हैं। अब यह जांच की जा रही है कि किन-किन यूनिवर्सिटी और कॉलेजों का नाम लेकर लोगों को फंसाया गया और कितने करोड़ की रकम ठगी गई।
साइबर क्राइम सेल की सख्ती
द्वारका साइबर सेल के अधिकारी विकास सांगवान के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और जल्द ही इस पूरे गिरोह के तारों का खुलासा कर दिया जाएगा। यह मामला दिल्ली – एनसीआर के छात्रों और अभिभावकों के लिए चेतावनी है कि किसी भी प्रवेश प्रक्रिया में केवल आधिकारिक वेबसाइट और मान्यता प्राप्त माध्यमों पर ही भरोसा करें।