मुंबई 20 सितंबर 2025
कपिल शर्मा का बहुचर्चित शो “द ग्रेट इंडियन कपिल शो” इस बार हंसी के बजाय विवादों में फंस गया है। निर्माता फिरोज नाडियाडवाला ने नेटफ्लिक्स को एक कानूनी नोटिस भेजा है। मामला शो में कीकू शारदा के उस किरदार से जुड़ा है जिसमें उन्हें ‘बाबूराव गणपत राव आप्टे’ का अंदाज अपनाते दिखाया गया। यह किरदार अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल स्टारर फिल्म “हेरा फेरी” से अमर हो चुका है।
‘बाबूराव’ पर विवाद क्यों?
नाडियाडवाला का आरोप है कि बिना उनकी अनुमति लिए शो में ‘बाबूराव’ के अंदाज की कॉपी कर दर्शकों को हंसाने की कोशिश की गई। चूंकि यह किरदार उनके प्रोडक्शन हाउस की बौद्धिक संपत्ति है, ऐसे में इस तरह की नकल कॉपीराइट उल्लंघन की श्रेणी में आती है। उन्होंने इसे ब्रांड वैल्यू और फिल्म की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया है।
नेटफ्लिक्स को कानूनी नोटिस
फिल्म निर्माता ने सीधे नेटफ्लिक्स को नोटिस थमाते हुए कहा है कि प्लेटफॉर्म पर शो का प्रसारण करते समय उचित अनुमति नहीं ली गई। साथ ही मांग की गई है कि इस एपिसोड को तुरंत हटाया जाए और आगे से ऐसी कोई गलती न दोहराई जाए। इस नोटिस के बाद नेटफ्लिक्स और शो की टीम पर दबाव बढ़ गया है।
कपिल शर्मा और टीम की मुश्किलें
कपिल शर्मा और उनकी टीम अपनी बेबाक कॉमेडी और किरदारों की नकल के लिए जानी जाती है। हालांकि इस बार मामला हल्के-फुल्के मजाक से आगे बढ़कर कानूनी पेचीदगी तक पहुंच गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि टीम इस विवाद पर सफाई देती है या माफी मांगकर मामला शांत करने की कोशिश करती है।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर दर्शक दो हिस्सों में बंट गए हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि शो में केवल मनोरंजन के लिए किरदार की नकल की गई थी, जबकि कई यूजर्स नाडियाडवाला के समर्थन में सामने आए हैं और कॉपीराइट का सम्मान करने की बात कर रहे हैं।
लीगल नोटिस पर सवाल: क्या ये कॉमेडी की आज़ादी पर हमला है?
फिरोज नाडियाडवाला द्वारा भेजा गया यह कानूनी नोटिस कई मायनों में अतार्किक और हास्यास्पद लगता है। कॉमेडी की पूरी दुनिया ही नकल, मिमिक्री और हंसी-ठिठोली पर टिकी है। अगर किसी किरदार की बोलचाल या अंदाज की नकल करना अपराध बन जाएगा, तो फिर न सिर्फ कपिल शर्मा शो बल्कि पूरे हास्य जगत को बंद करना पड़ेगा।
कपिल शर्मा शो की विशेषता ही मिमिक्री और व्यंग्य
कपिल शर्मा का शो हमेशा से आम जनता के दिलों में जगह इसलिए बना पाया है क्योंकि वहां पर फिल्मी सितारों से लेकर नेताओं तक, हर किसी की मिमिक्री और मज़ाकिया अंदाज में प्रस्तुति होती है। शाहरुख खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार, जैकी श्रॉफ, नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप — किसकी नकल नहीं हुई है इस मंच पर? क्या सब लोग कोर्ट के दरवाज़े खटखटाते? अगर ऐसा होता तो हर एपिसोड के बाद शो पर दर्जनों केस चल रहे होते।
कॉपीराइट का वास्तविक दायरा
यहां न तो फिल्म का कोई दृश्य दिखाया गया, न ही गाना, न ही म्यूजिक उठाया गया। केवल एक किरदार का अंदाज हास्य के लिए अपनाया गया। इसे कॉपीराइट उल्लंघन कहना सरासर बेतुका है। कॉपीराइट का मकसद कला की चोरी रोकना है, न कि हास्य को कुचलना।
सस्ती पब्लिसिटी का हथकंडा
साफ दिखता है कि यह पूरा विवाद आने वाली फिल्मों को प्रमोट करने और चर्चा में आने का एक हथकंडा है। जब दर्शक ‘बाबूराव’ किरदार का नाम सुनते हैं तो उत्सुकता जागती है, और इसी उत्सुकता का इस्तेमाल पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है। लेकिन यह रणनीति बेहद सस्ती और घटिया पब्लिसिटी की श्रेणी में आती है।
हकीकत यह है कि कॉमेडी, कॉमेडी होती है — इसका मकसद केवल हंसाना है, अपमानित करना नहीं। कपिल शर्मा शो और उसकी टीम ने हमेशा यही कोशिश की है कि दर्शक अपने तनाव और बोझ को भूलकर मुस्कुरा सकें। इस तरह के नोटिस देकर कॉमेडी की आज़ादी पर हमला करने से बेहतर होगा कि निर्माता अपने कंटेंट और फिल्मों की गुणवत्ता पर ध्यान दें।