पिथौरागढ़, 31 अगस्त 2025
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगातार बारिश के कारण एक बड़ी त्रासदी सामने आई है। धारचूला क्षेत्र में स्थित धौलीगंगा विद्युत परियोजना की दोनों सुरंगों तक जाने वाले मार्ग पर अचानक भूस्खलन हुआ, जिससे सुरंगों में काम कर रहे 19 कर्मचारी फंस गए। अधिकारियों के अनुसार, सुरंगों तक पहुंच मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है और फिलहाल बचाव दल फंसे हुए कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास में जुटा हुआ है।
भूस्खलन और फंसे कर्मियों की स्थिति
सूचना मिलते ही परियोजना स्थल पर एनएचपीसी (National Hydroelectric Power Corporation) और सीमा सड़क संगठन (BRO) की टीमों ने बचाव अभियान शुरू किया। अधिकारी बता रहे हैं कि सुरंगों के पास लगातार मलबा गिर रहा है, जिससे बचाव कार्य काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। फंसे हुए कर्मचारी परियोजना के अंदर हैं और अभी तक उनकी स्थिति को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई नुकसान की पुष्टि नहीं हो पाई है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाकर कर्मचारियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रशासन और बचाव दल की कार्रवाई
धारचूला के उप-जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि रास्ता जल्द साफ करने का प्रयास चल रहा है और शाम तक सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन और एनएचपीसी प्रबंधन लगातार आपसी समन्वय बनाए हुए हैं। बचाव अभियान में विशेषज्ञ टीमों और भारी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि फंसे हुए कर्मचारियों तक पहुंचते समय कोई और हादसा न हो।
परियोजना पर प्रभाव और बिजली उत्पादन
भूस्खलन के बावजूद परियोजना में बिजली उत्पादन सामान्य रूप से जारी है। अधिकारियों ने बताया कि उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है और सुरक्षा उपायों को पूरी तरह लागू किया गया है। वहीं, फंसे हुए कर्मचारियों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता पर है और बचाव दल पूरी सतर्कता के साथ कार्य कर रहा है।
मौसम और भविष्य की चेतावनी
मौसम विभाग ने क्षेत्र में लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई है। सितंबर में उत्तराखंड और आसपास के हिस्सों में above-normal बारिश की संभावना है, जिससे परियोजना क्षेत्र में भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रह सकता है। अधिकारियों ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।
वर्तमान स्थिति का सारांश
—धौलीगंगा परियोजना की दोनों सुरंगों तक जाने वाले मार्ग पर मलबा जमा होने के कारण 19 कर्मचारी फंस गए हैं।
—बचाव अभियान में एनएचपीसी, BRO और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हैं।
—परियोजना में बिजली उत्पादन जारी है, लेकिन फंसे कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकालना प्राथमिकता है।
—मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर आगे भी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
इस घटना ने फिर से याद दिला दिया है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी वर्षा के दौरान भूस्खलन और आपात स्थिति की संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन और परियोजना प्रबंधन की तत्परता ही इस स्थिति में जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।