गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
16 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने सावन के पवित्र महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र प्रदेशभर के सभी स्कूलों को 16 जुलाई से 23 जुलाई तक बंद रखने का निर्णय लिया है। यह आदेश प्राथमिक से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होगा। शासन का यह फैसला व्यापक सोच और गंभीर मंथन के बाद सामने आया है, जिसमें बच्चों की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और शिवभक्तों की सुविधा को प्राथमिकता दी गई है। सावन में गंगाजल लेकर हरिद्वार, गौमुख और अन्य तीर्थ स्थलों से अपने-अपने इलाकों के शिवालयों तक यात्रा करने वाले लाखों कांवड़िए प्रदेश की सड़कों से गुजरते हैं। ऐसे में भारी भीड़, ट्रैफिक जाम और प्रशासनिक चुनौती के चलते स्कूलों का संचालन सुरक्षित रूप से नहीं हो पाता। सरकार का मानना है कि इस अवधि में स्कूल बंद रहेंगे तो बच्चे ट्रैफिक की भीड़ से बचे रहेंगे और साथ ही प्रशासन का ध्यान पूरी तरह कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं पर केंद्रित रह सकेगा।
यह निर्णय उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक दूरदर्शिता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का प्रतीक है। सावन में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ जैसे जिलों में प्रवेश करते हैं। सड़कों पर विशाल कांवड़ यात्राएं निकलती हैं, जिसमें न केवल युवा बल्कि बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं। इन श्रद्धालुओं के लिए रास्ते में चिकित्सा सहायता, मोबाइल टॉयलेट्स, जल सेवा और विश्राम स्थलों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। साथ ही सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस, पीएसी, होमगार्ड्स और विशेष बलों की तैनाती की जाती है। शासन द्वारा सभी जिलाधिकारियों और शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि अवकाश अवधि के दौरान स्कूल परिसर सुरक्षित रहें और आवश्यकता पड़ने पर प्रशासनिक उपयोग के लिए तैयार रहें।
सरकार की ओर से अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे इस अवकाश को बच्चों के लिए केवल आराम का समय न समझें, बल्कि इसे रचनात्मकता और पढ़ाई के अवसर में बदलें। कई स्कूलों ने इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की योजना बनाई है ताकि शैक्षणिक क्रम बाधित न हो। कुछ स्कूल होमवर्क, प्रोजेक्ट वर्क और प्रतियोगितात्मक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को इस अवधि में व्यस्त रखने की तैयारी कर रहे हैं। इससे बच्चों में जिम्मेदारी का भाव विकसित होगा और उनके भीतर सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति समझ भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान अनुशासन और शांति बनाए रखें और प्रशासन का पूरा सहयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह अवसर न केवल भक्ति का है, बल्कि सामाजिक एकता, सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी सहयोग का प्रतीक भी बनना चाहिए। सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय धार्मिक आस्था, सार्वजनिक व्यवस्था और शैक्षणिक संतुलन के बीच एक आदर्श समन्वय का उदाहरण है। यह साबित करता है कि उत्तर प्रदेश सरकार न केवल प्रशासनिक रूप से सक्षम है, बल्कि धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी प्रतिबद्ध है। कुल मिलाकर, सावन की यह अवधि न केवल भक्ति की अभिव्यक्ति होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक सजगता और सामाजिक एकता का भी संदेश लेकर आएगी।