नई दिल्ली 12 अगस्त 2025
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति का गठन न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ पद से हटाने की संवैधानिक प्रक्रिया के तहत पहला कदम माना जा रहा है।
समिति में शामिल सदस्य
समिति में वरिष्ठ सांसद अपराजिता सारंगी को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और डीएमके सांसद टी. आर. बालू को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। समिति को आरोपों की गहन जांच कर अपनी रिपोर्ट निर्धारित समयसीमा में लोकसभा अध्यक्ष को सौंपनी होगी।
मामला कैसे शुरू हुआ
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब न्यायमूर्ति वर्मा के घर पर कथित तौर पर करोड़ों रुपये की नकदी बरामद होने की खबर सामने आई। इस घटनाक्रम ने न्यायपालिका की साख और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संवैधानिक प्रक्रिया का अगला चरण
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने स्पष्ट किया कि यह जांच समिति तथ्यों की पड़ताल कर संसद को आवश्यक सिफारिशें देगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर, न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग जैसी संवैधानिक कार्रवाई शुरू हो सकती है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस और डीएमके के सदस्यों ने समिति में शामिल होकर जांच की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। वहीं, सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने कहा कि यह कदम न्यायपालिका में विश्वास बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।