भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को पटना से रवाना हो गए, लेकिन वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात किए बिना ही चले गए। सूत्रों के अनुसार, इसकी मुख्य वजह नीतीश कुमार की खराब तबीयत है। नीतीश कुमार 10 सितंबर से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, और उनकी सेहत को लेकर चिंता बनी हुई है। नड्डा का पटना दौरा मुख्य रूप से भाजपा की कोर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए था, जिसमें आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई।
घटना का विवरण
जेपी नड्डा शुक्रवार को पटना पहुंचे थे, जहां उन्होंने भाजपा की राज्य इकाई के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन किया। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हो सकी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार की बीमारी के कारण यह मुलाकात टल गई। नड्डा ने बैठक में संगठन महामंत्री बीएल संतोष और राज्य अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की मौजूदगी में एनडीए गठबंधन को मजबूत करने और हर मतदाता तक पहुंचने पर जोर दिया। बैठक में चुनावी रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई, और एनडीए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए कि वे विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाताओं से जुड़ें तथा किसी भी समस्या का तुरंत समाधान करें।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
राज्य अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद मीडिया को बताया, “चर्चा का केंद्र चुनावी रणनीति पर था। एनडीए के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि 17 सितंबर से ‘सेवा पखवाड़ा’ की शुरुआत होगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर विश्वकर्मा पूजा के साथ मेल खाएगा। इसका उद्देश्य हर बूथ पर विकास का संदेश पहुंचाना है। जायसवाल ने बताया कि विपक्ष की रणनीतियों का जवाब देने के लिए भाजपा और उसके सहयोगी एकजुटता का परिचय देंगे।
चुनावी संदर्भ और आगे की तैयारियां
यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते हुए महत्वपूर्ण है। निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव की तारीखों की घोषणा करने वाला है। इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को बिहार का दौरा करेंगे, जहां वे पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। भाजपा और एनडीए के नेता चुनावी मोड में हैं, और नीतीश कुमार की अनुपस्थिति के बावजूद गठबंधन की एकता पर कोई असर न पड़े, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार की तबीयत को लेकर अब स्वास्थ्य बुलेटिन जारी करने की मांग बढ़ सकती है, खासकर चुनावी माहौल में।
यह दौरा भाजपा की बिहार इकाई को मजबूत करने का हिस्सा था, लेकिन सीएम की बीमारी ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को जन्म दे दिया है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि सभी कार्यक्रम निर्धारित अनुसार चलेंगे।