Home » Business » जेवर एयरपोर्ट: निवेश और विकास की नई राजधानी

जेवर एयरपोर्ट: निवेश और विकास की नई राजधानी

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

संजीव कुमार | नोएडा 1 नवंबर 2025 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के रियल एस्टेट सेक्टर में अब एक नया युग शुरू होने जा रहा है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण सिर्फ हवाई संपर्क का विस्तार नहीं, बल्कि एक आर्थिक क्रांति की शुरुआत साबित होगा। रणनीतिक रूप से चुने गए इस स्थान पर बनने वाला एयरपोर्ट उत्तर भारत के शहरी विकास, औद्योगिक वृद्धि और रियल एस्टेट में जबरदस्त उछाल लाने वाला है।

रणनीतिक महत्व और दूरदृष्टि

नोएडा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक विश्वस्तरीय एविएशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बन रहे इस एयरपोर्ट का पहला चरण प्रतिवर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा। 2050 तक इसकी क्षमता बढ़ाकर 7 करोड़ यात्रियों प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य है। आगरा, मथुरा, अलीगढ़, और गौतमबुद्ध नगर जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला यह एयरपोर्ट पूरे उत्तर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी का केंद्र बनेगा।

यह एयरपोर्ट केवल हवाई यात्रा का द्वार नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यटन विस्तार और रोजगार सृजन का नया केंद्र बनेगा। आगरा और मथुरा जैसे ऐतिहासिक शहरों तक बेहतर पहुंच से पर्यटन उद्योग को नया जीवन मिलेगा, जबकि औद्योगिक गलियारे (Industrial Corridors) में तेजी से निवेश बढ़ेगा।

रियल एस्टेट में नया युग

जेवर एयरपोर्ट की घोषणा और निर्माण प्रगति ने क्षेत्र में जमीनों के दामों में जबरदस्त उछाल ला दिया है। Colliers India की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में जेवर क्षेत्र में जमीनों के दाम 40% तक बढ़ चुके हैं, और 2030 तक इसमें और 50% की वृद्धि की संभावना जताई गई है। वर्ष 2024 में जहां प्रति वर्ग फुट भूमि की औसत कीमत ₹7,000 थी, वहीं 2025 में यह कई प्रीमियम माइक्रो-मार्केट्स से आगे निकल चुकी है।

नए टाउनशिप और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का उभार

जेवर एयरपोर्ट के आसपास रियल एस्टेट कंपनियाँ नए टाउनशिप और मेगा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लॉन्च कर रही हैं। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे अत्याधुनिक सुविधाओं वाले रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स विकसित हो रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली, सुरक्षित निवेश और दीर्घकालिक रिटर्न की चाहत रखने वाले निवेशक अब तेजी से जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं।

औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास का केंद्र

जेवर एयरपोर्ट का प्रभाव केवल आवासीय परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह औद्योगिक विकास का भी नया हब बनने जा रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने एचसीएल और फॉक्सकॉन (Foxconn) की संयुक्त सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दी है, जिसमें ₹3,700 करोड़ का निवेश होगा। यह यूनिट प्रतिमाह 3.6 करोड़ डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन करेगी और लगभग 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देगी।

साथ ही, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने एयरपोर्ट के आसपास 5,000 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक्स पार्क, फिल्म सिटी और डेटा सेंटर पार्क के लिए अधिग्रहीत करने की योजना बनाई है। यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में उत्तर भारत का प्रमुख औद्योगिक गलियारा बनने जा रहा है।

बेहतर कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड्स

एयरपोर्ट और उससे जुड़े विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।

तेज रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी: YEIDA ने ₹10,000 करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी कर 72 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-जेवर रैपिड रेल कॉरिडोर शुरू करने की योजना बनाई है, जो दिल्ली-मेरठ RRTS से जुड़ा होगा।

नई सड़कों का नेटवर्क: फरीदाबाद-जेवर एक्सप्रेसवे और नई 60 किलोमीटर लंबी सड़क, जो दिल्ली के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों को एयरपोर्ट से जोड़ेगी, निर्माणाधीन है।

लास्ट माइल कनेक्टिविटी: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) ने Uber India के साथ समझौता किया है ताकि यात्रियों को एयरपोर्ट पर समर्पित पिकअप पॉइंट और ग्राउंड सपोर्ट मिल सके।

मनोरंजन और व्यावसायिक केंद्रों का विकास

जेवर एयरपोर्ट केवल उद्योग और आवास तक सीमित नहीं रहेगा। इसे मनोरंजन और पर्यटन का भी केंद्र बनाया जा रहा है। एयरपोर्ट के पास 2,500 एकड़ का मनोरंजन क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, जिसमें थीम पार्क, वाटर पार्क, कला दीर्घा, ओपन थिएटर और नेचर पार्क शामिल होंगे।

YEIDA ने 6,554 हेक्टेयर क्षेत्र में “एरोट्रोपोलिस (Aerotropolis)” विकसित करने की मंजूरी दी है। इसमें इनोवेशन हब, टेक्नोलॉजी पार्क, होटल, लॉजिस्टिक्स हब और मनोरंजन क्षेत्र शामिल होंगे, जिससे यह क्षेत्र भारत का नया बिजनेस और इनोवेशन सिटी बनेगा।

रोजगार और आर्थिक अवसर

जेवर एयरपोर्ट और इससे जुड़ी परियोजनाएँ लाखों लोगों को रोजगार देने वाली हैं। YEIDA के अनुमान के अनुसार, एयरपोर्ट के संचालन से 4.5 लाख से अधिक नए रोजगार पैदा होंगे। Google, Microsoft, Samsung, Mahindra, Tata जैसी बड़ी कंपनियाँ यहां अपने संचालन केंद्र खोलने की तैयारी में हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा और रियल एस्टेट, होटल, शिक्षा, परिवहन व सेवाक्षेत्रों में जबरदस्त विस्तार होगा।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट केवल एक हवाई अड्डा नहीं है — यह उत्तर भारत की नई पहचान बनने जा रहा है। यह परियोजना देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, औद्योगिक प्रगति और आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनेगी। जैसे-जैसे रनवे से पहली उड़ान भरेगी, वैसे-वैसे एनसीआर का आसमान नई संभावनाओं से भर उठेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *