दमिश्क/तेल अवीव
17 जुलाई 2025
रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति निवास के पास हुआ अभूतपूर्व हमला, कई घायल
पश्चिम एशिया में एक बार फिर तनाव बढ़ता दिख रहा है। इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में सीरियाई सैन्य मुख्यालय और राष्ट्रपति भवन के पास जबरदस्त हवाई हमले किए। प्रभात खबर के अनुसार, इन हमलों में दक्षिण दमिश्क स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवेश द्वार को सीधा निशाना बनाया गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम-से-कम 18 लोग घायल हो गए हैं।
इज़राइल ने इन हमलों की वजह सीरिया में ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा को बताया है। IDF ने कहा कि वह सीरियाई शासन द्वारा अल्पसंख्यक ड्रूज़ समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंतित है और यह कार्रवाई मानवाधिकार की रक्षा के तहत की गई है। इसी के साथ, इज़रायल ने सीरिया को चेतावनी दी कि यदि ड्रूज़ समुदाय के खिलाफ हमले नहीं रोके गए तो जवाबी कार्रवाई और तेज होगी। सीरिया सरकार और ड्रूज़ नेताओं के बीच बुधवार को एक नए संघर्षविराम समझौते की घोषणा हुई है। माना जा रहा है कि यह कदम क्षेत्र में शांति स्थापना के प्रयासों का हिस्सा है, लेकिन इज़रायली कार्रवाई के बाद इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
IDF के मुताबिक, दूसरा बड़ा हमला राष्ट्रपति निवास के पास स्थित एक पहाड़ी इलाके में किया गया, जिसे सैन्य दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इस हमले के बाद इलाके में तेज धमाके और धुएं के गुबार देखे गए।
क्षेत्रीय समीकरण और संभावित नतीजे
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब सीरिया पहले से ही आंतरिक संघर्ष और बाहरी हस्तक्षेप से जूझ रहा है। जानकारों का मानना है कि इज़रायल की यह कार्रवाई न केवल सीरिया के लिए बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट के सामरिक समीकरणों के लिए गंभीर संकेत है। सीरियाई सरकार ने इज़रायली हमले की निंदा की है और इसे “अंतरराष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन” बताया है। संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय शक्तियों की नजर अब इस घटनाक्रम पर टिकी है, जो भविष्य में संघर्ष को और गहरा कर सकता है।
इज़रायल द्वारा सीरिया की राजधानी के केंद्र में किया गया यह हमला सैन्य रणनीति से ज्यादा एक राजनीतिक और मानवाधिकार संकेत भी माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखा जाना बाकी है कि ड्रूज़ समुदाय को लेकर इज़रायल की यह सक्रियता, मिडिल ईस्ट की सियासत को किस दिशा में मोड़ती है।