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इंडोनेशिया में इस्लामिक स्कूल की इमारत ढही: 65 से अधिक छात्र मलबे में दबे, चीख-पुकार से दहला माहौल

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जकार्ता 30 सितंबर 2025

इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के सिडोर्जो में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। एक इस्लामिक स्कूल की बहुमंज़िला इमारत अचानक भरभराकर गिर पड़ी और देखते ही देखते पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो गई। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 65 छात्र मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसा उस समय हुआ जब बच्चे नमाज़ अदा कर रहे थे। घटना स्थल पर चारों ओर चीख-पुकार गूंज रही थी और लोग अपने बच्चों को बचाने के लिए बेताब नज़र आए।

राहत कार्य तेज, सांस रोक देने वाला इंतज़ार

स्थानीय प्रशासन, नेशनल डिज़ास्टर एजेंसी और बचाव दलों ने तुरंत मोर्चा संभाला। रात भर राहत कार्य जारी रहा। बचावकर्मी मलबे में फंसे छात्रों तक ऑक्सीजन पाइप और पानी पहुंचाने की कोशिश करते रहे ताकि ज़िंदगियाँ बच सकें। कई जगहों पर बच्चों की धीमी आवाज़ें सुनाई दीं, जिनके आधार पर टीमों ने खुदाई शुरू की। अस्पतालों में घायल बच्चों को भर्ती किया गया है, वहीं माता-पिता और परिजन बाहर खड़े होकर अपने बच्चों के जिंदा निकलने की दुआ कर रहे हैं। कई माताएँ बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ीं, और पिता हाथ जोड़कर रब से रहमत की गुहार लगाते रहे।

निर्माण में गंभीर लापरवाही उजागर

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि स्कूल की इमारत का निर्माण नियमों के खिलाफ किया गया था। बताया जा रहा है कि इमारत पर मंज़िलें बिना उचित अनुमति और मज़बूत नींव के ऊपर खड़ी की गई थीं। भारी बोझ को सहन न कर पाने के कारण यह हिस्सा अचानक धराशायी हो गया। इंडोनेशियाई अधिकारियों ने कहा है कि यह महज़ दुर्घटना नहीं, बल्कि गंभीर लापरवाही का परिणाम है। सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

माताओं की चीखें और बच्चों की मासूम पुकार

हादसे के बाद जो माहौल बना, वह किसी भी संवेदनशील इंसान को भीतर तक झकझोर देने वाला था। एक माँ चीख-चीखकर कह रही थी – “मेरे बेटे का नाम मिसिंग लिस्ट में है, कृपया उसे ढूंढ निकालिए…” वहीं कई छोटे बच्चे अपने साथियों का नाम पुकारते हुए रो रहे थे। मलबे के बीच से आती कराह और मदद की पुकार राहतकर्मियों के हौसले को और मजबूत कर रही थी, लेकिन हर पल बीतने के साथ बचाव का काम और चुनौतीपूर्ण हो रहा है।

सरकार और दुनिया की निगाहें इस हादसे पर

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति कार्यालय ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि सभी संसाधन राहत और बचाव कार्य में झोंक दिए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस त्रासदी ने लोगों का ध्यान खींचा है। सोशल मीडिया पर दुनियाभर के लोग बच्चों के लिए दुआएं कर रहे हैं। यह हादसा न सिर्फ एक देश के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए मानवीय त्रासदी बन गया है।

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