नई दिल्ली 6 सितम्बर 2025
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने रूस और भारत दोनों को चीन के “सबसे गहरे, सबसे अंधेरे” प्रभाव क्षेत्र में खो दिया है।
मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि यह मामला केवल व्यापार या टैरिफ का नहीं है, बल्कि आत्म-सम्मान, गरिमा और सम्मान का है। उन्होंने कहा, “हमने ब्रिटिश साम्राज्य से लड़कर उन्हें हराया है। भारत एक रोटी कम खाएगा, लेकिन कभी भी दबाव में नहीं आएगा।” तिवारी ने इस संदर्भ में भारत के ऐतिहासिक संघर्ष और आज की स्थिति के बीच समानता भी दर्शाई।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक तस्वीर साझा करते हुए कहा था, “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के सबसे गहरे, सबसे अंधेरे प्रभाव क्षेत्र में खो दिया है। उन्हें एक लंबा और समृद्ध भविष्य मिले।”
इस पर बाद में ट्रंप ने सफाई दी कि वे यह नहीं मानते कि अमेरिका ने भारत को खो दिया है, लेकिन उन्होंने भारत के रूस से तेल खरीदने और भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर अपनी निराशा जताई। उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे संबंध रखते हैं और कुछ महीनों पहले अमेरिका में उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।
ट्रंप के सलाहकार पीटर नैवारो ने भी भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए निशाना साधा और कहा कि भारत के टैरिफ अमेरिकी नौकरीयों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मनीष तिवारी के बयान से साफ है कि भारत की संप्रभुता और आत्म-सम्मान के मुद्दे पर नेताओं का रुख सख्त है और वे किसी भी बाहरी दबाव के आगे झुकने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि देश के हित के लिए अगर जरूरत पड़ी तो आम जनता एक रोटी कम खाएगी, लेकिन कभी भी जबरदस्ती या दबाव में नहीं आएगी।
इस प्रतिक्रिया में भारत की लड़ाई और संकल्प की भारी भावना झलकती है जो किसी भी दूसरे देश की दवाब रणनीति को विफल करने की ताकत रखती है।
यह खबर मनीष तिवारी की कड़ा जवाब और ट्रंप के बयान दोनों को विस्तार से समेटे हुए है, जो वर्तमान वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य पर असर डालती है।