नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए नए Strategic Mutual Defence Agreement ने दक्षिण एशिया और मध्य-पूर्व की रणनीतिक तस्वीरो को हिला दिया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने यह कहा है कि किसी भी बाहरी आक्रमण को दोनों देशों के प्रति हमले के रूप में माना जाएगा।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस समझौते की मूल बातें जानने और राष्ट्रीय सुरक्षा व क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा करने की बात कही है। विदेश विभाग (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जैस्वाल ने पत्रकारों से कहा कि भारत इस डील को गंभीरता से ले रहा है, नया संघर्ष टालने पर ज़ोर दे रहा है, और यह सुनिश्चित करेगा कि देश के हितों की रक्षा हो।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस ने इस समझौते को एक चौतरफा सुरक्षा झटका बताया है और मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाये हैं। पार्टी का कहना है कि यह समझौता भारत की रणनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है और इससे भारत के कूटनीतिक संतुलन को नया विवाद मिल सकता है।
विशेषज्ञों की समीक्षा
रक्षा व कूटनीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता पाकिस्तान की सैन्य ताकत को मजबूत कर सकता है और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बदलाव ला सकता है। साथ ही, इस समझौते से सऊदी अरब-भारत संबंधों पर पड़ने वाले असर, विशेष रूप से कारोबार, ऊर्जा साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के क्षेत्र में, भी छुपा नहीं हैं।