नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2025
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की 2025-26 वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 0.2 प्रतिशत अंकों से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है। IMF का कहना है कि भारत की मजबूत आर्थिक गति अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करने में सक्षम रहेगी।
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% की अप्रत्याशित तेज दर से बढ़ा, जिसका मुख्य कारण मजबूत निजी उपभोग था। इसने भारत को एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाए रखा, भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक के ऊंचे टैरिफ लगाए गए हों।
IMF ने अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य (World Economic Outlook) रिपोर्ट में कहा कि 2025-26 के लिए भारत की विकास दर में यह ऊपर की ओर संशोधन मुख्य रूप से पहली तिमाही के मजबूत प्रदर्शन के “कैरीओवर इफेक्ट” के कारण हुआ है, जिसने जुलाई से लागू अमेरिकी टैरिफ दरों में बढ़ोतरी के प्रभाव को भी पीछे छोड़ दिया।
भारत का वित्त वर्ष अप्रैल से मार्च तक चलता है।
हालांकि, IMF ने अगले वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 0.2 प्रतिशत घटाकर 6.2% कर दिया है।
यह संशोधन ऐसे समय में आया है जब विश्व बैंक (World Bank) ने भी पिछले सप्ताह भारत की 2025-26 की विकास दर का अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% किया था, जबकि अमेरिकी टैरिफ के असर को देखते हुए अगले वित्त वर्ष का अनुमान 20 बेसिस पॉइंट घटाकर 6.3% कर दिया था।
IMF ने कहा कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (Emerging and Developing Economies) की विकास दर 2024 में 4.3% से घटकर 2025 में 4.2% और 2026 में 4% रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया,
“चीन से इतर, कई उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं ने घरेलू कारणों से मजबूती दिखाई है, लेकिन हाल के संकेत बताते हैं कि वहां भी स्थिति नाजुक बनी हुई है।”
IMF का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ में बढ़ोतरी से बाहरी मांग प्रभावित हो रही है और व्यापार नीति की अनिश्चितता बढ़ने से निवेश पर नकारात्मक असर पड़ रहा है — खासकर उन देशों में जिनकी अर्थव्यवस्था निर्यात पर निर्भर है।
वैश्विक अनुमान (Global Outlook)
IMF ने 2025 में वैश्विक वास्तविक GDP वृद्धि दर 3.0% (जुलाई अनुमान) से बढ़ाकर 3.2% कर दी है, क्योंकि व्यापार झटके उम्मीद से कम गंभीर रहे और वित्तीय स्थितियां अपेक्षाकृत सहज रहीं।
2026 के लिए IMF ने वैश्विक वृद्धि दर 3.1% रहने का अनुमान लगाया है, जो जुलाई के पूर्वानुमान के बराबर है।
2024 की वैश्विक वृद्धि दर 3.3% रही थी।
अमेरिका (USA)
IMF ने 2025 में अमेरिका की वृद्धि दर 1.9% से बढ़ाकर 2.0% और 2026 में 2.0% से बढ़ाकर 2.1% का अनुमान लगाया है।
2024 में अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर 2.8% रही।
चीन (China)
IMF ने चीन की वृद्धि दर के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है —
2025 में 4.8%, और 2026 में 4.2% रहने की उम्मीद है।
यूरोप (Eurozone)
IMF ने यूरोपीय क्षेत्र की 2025 की वृद्धि दर 1.0% से बढ़ाकर 1.2%,
और 2026 की वृद्धि दर 1.2% से घटाकर 1.1% का अनुमान लगाया है।
जापान (Japan)
IMF ने जापान की 2025 की वृद्धि दर 0.7% से बढ़ाकर 1.1% कर दी है, जो जुलाई की तुलना में उल्लेखनीय सुधार है।
अमेरिकी टैरिफ बढ़ने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने अपनी गति, स्थिरता और उपभोग-आधारित मजबूती से IMF और विश्व बैंक दोनों को प्रभावित किया है। यह अनुमान। भारत की विकास कहानी की वैश्विक स्वीकृति का एक और सबूत है।