वॉशिंगटन और सिडनी से आई इस खबर ने एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप के विवादित और तीखे बयानों की राजनीति को सुर्खियों में ला दिया है, जिसने कूटनीतिक शिष्टाचार की सभी सीमाओं को लांघ दिया है। इस बार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने अपने पुराने और मुखर “राजनयिक प्रतिद्वंद्वी” — जो कि वर्तमान में अमेरिका में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत केविन रड हैं— को सार्वजनिक मंच पर ही अपमानित कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज अमेरिका के एक आधिकारिक दौरे पर थे। ट्रंप ने एक कार्यक्रम के दौरान खुले मंच से राजदूत रड को देखा और बिना किसी संकोच या राजनयिक औपचारिकता का ध्यान रखे सीधे उनसे कहा, “मुझे भी तुम पसंद नहीं हो, केविन। तुम मुझे पसंद नहीं करते, और मैं भी तुम्हें नहीं करता” (“I do not like you either, Kevin. You don’t like me, and I don’t like you.”)। इस अप्रत्याशित और असंवेदनशील बयान के बाद वहाँ मौजूद दर्शक और उच्च-स्तरीय कूटनीतिक प्रतिनिधि सन्न रह गए। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज ने तुरंत स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन ट्रंप का लहजा पूरी घटना के दौरान व्यंग्यात्मक और तीखा ही बना रहा, जिसने दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में एक अजीबोगरीब तनाव पैदा कर दिया।
कूटनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन: अमेरिकी विदेश नीति पर सवाल
मंच पर मौजूद सूत्रों और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप की यह टिप्पणी न केवल अत्यधिक असंवेदनशील थी, बल्कि यह राजनयिक शालीनता की उन सभी स्थापित सीमाओं का खुला उल्लंघन थी, जिनकी अपेक्षा एक पूर्व राष्ट्रपति से की जाती है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान “अमेरिकी विदेश नीति की गंभीरता” पर भी गंभीर सवाल उठाता है, खासकर उस नाजुक समय में जब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंध को रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस तरह का सार्वजनिक अपमान, खासकर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की मौजूदगी में, दोनों मित्र देशों के बीच के गहरे कूटनीतिक संबंधों की संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह घटना केविन रड (जो स्वयं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं) के खिलाफ ट्रंप के व्यक्तिगत प्रतिशोध को सार्वजनिक करने का कार्य करती है, क्योंकि रड ने अतीत में ट्रंप की नीतियों को “लोकतंत्र-विरोधी और अस्थिर करने वाला” बताया था। ट्रंप ने अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया कि वह पुरानी बातों का सार्वजनिक बदला लेने से भी पीछे नहीं हटते।
कूटनीतिक अपमान और व्यक्तिगत प्रतिशोध की राजनीति
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे “एक कूटनीतिक अपमान” करार दिया है। Sydney Morning Herald जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने लिखा कि, “ट्रंप ने इस टिप्पणी से न केवल अपने विरोधी को, बल्कि अमेरिकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई है।” राजनीतिक विश्लेषक इस घटना को ट्रंप की पुरानी और स्थापित आदत के रूप में देखते हैं— जहाँ वह राजनीति को व्यक्तिगत लड़ाई में बदल देते हैं।
ट्रंप अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में अपने विरोधियों को अपमानित करने या नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं चूकते, भले ही इसका सीधा असर देश की कूटनीतिक छवि पर क्यों न पड़े। इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए अत्यधिक संयम बनाए रखा और केवल इतना कहा कि, “हम अमेरिका के साथ अपने संबंधों को कूटनीतिक गरिमा के साथ आगे बढ़ाएंगे।” अल्बनीज का यह संयमित रुख उनके देश की कूटनीतिक परिपक्वता को दर्शाता है, जबकि ट्रंप का व्यवहार एक बार फिर “असभ्य, असंवेदनशील और राष्ट्रपति पद के योग्य नहीं”
बताया जा रहा है, जैसा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो पर कई उपयोगकर्ताओं ने टिप्पणी की है। ट्रंप ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उनकी राजनीति में शब्दों से ज्यादा तीखे तीर चलते हैं, और उनका निशाना हमेशा वह होता है जो कभी उनका आलोचक रहा हो, जिससे यह सिद्ध होता है कि “कूटनीति की दुनिया में जहाँ मुस्कान सबसे ताकतवर हथियार होती है, ट्रंप वहाँ भी झगड़ा तलाश लेते हैं।”