लखनऊ 17 सितम्बर 2025
उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी की गहराती खाई का एक और उदाहरण सामने आया है। राज्य पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर (SI) के 4,500 पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हुई, जिसमें कुल 15,75,760 उम्मीदवारों ने अप्लाई किया। इसका मतलब है कि हर एक पद के लिए औसतन 350 से अधिक अभ्यर्थी दावेदारी कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल प्रतियोगिता की तीव्रता को दर्शाती है, बल्कि प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी की भयावह हकीकत को भी उजागर करती है।
युवा शक्ति का दबाव और उम्मीदें
प्रदेश में लाखों युवाओं ने इस भर्ती को अपनी भविष्य की उम्मीदों से जोड़ रखा है। अधिकांश आवेदक स्नातक और स्नातकोत्तर योग्यता रखने वाले हैं। कई ऐसे उम्मीदवार भी हैं जिनके पास उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल डिग्री है, लेकिन स्थायी और सुरक्षित नौकरी की तलाश में वे भी इन पदों पर अप्लाई करने के लिए मजबूर हुए।
बेरोज़गारी के आंकड़े और सच्चाई
यह तस्वीर किसी एक भर्ती की नहीं है। हाल के वर्षों में यूपी समेत पूरे देश में सरकारी नौकरियों की कमी और बढ़ती प्रतियोगिता ने युवाओं को हताश किया है। आर्थिक सर्वेक्षण और कई स्वतंत्र रिपोर्ट्स पहले ही यह दिखा चुकी हैं कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक बेरोज़गार युवाओं वाला राज्य बन चुका है। इस भर्ती ने इस वास्तविकता को और स्पष्ट कर दिया है।
सामाजिक-आर्थिक असर
इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने का सीधा असर समाज पर भी पड़ता है। जब लाखों शिक्षित युवा नौकरी से वंचित रह जाते हैं, तो निराशा, असंतोष और सामाजिक असुरक्षा बढ़ती है। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में रोजगार सृजन को लेकर ठोस और दीर्घकालिक नीति न होने के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
यूपी पुलिस SI भर्ती में आए 15.75 लाख आवेदनों ने यह दिखा दिया है कि प्रदेश में बेरोज़गारी अब भयावह रूप ले चुकी है। यह स्थिति सरकार और समाज, दोनों के लिए चेतावनी है कि अगर समय रहते रोजगार के नए अवसर नहीं बनाए गए तो युवा शक्ति का यह दबाव असंतोष का रूप ले सकता है।