नई दिल्ली 22 अगस्त 2025
आज के आधुनिक दौर में स्वास्थ्य केवल बीमारी से बचने का नाम नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। जिस प्रकार किसी इमारत की नींव मजबूत होती है तो वह वर्षों तक टिकती है, उसी प्रकार अगर हमारा स्वास्थ्य संतुलित और मजबूत हो तो हम जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि आजकल भागदौड़, तनाव और असंतुलित खानपान के कारण अधिकतर लोग बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। ऐसे समय में हमें अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बेहद ज़रूरी है।
संतुलित आहार का महत्व
हम जैसा खाते हैं, वैसा ही हमारा शरीर और मन बनता है। जंक फूड और तैलीय भोजन स्वाद में भले ही अच्छा लगे, लेकिन यह शरीर के लिए धीमा ज़हर है। संतुलित आहार में फल, सब्जियाँ, दालें, अनाज और दूध से बने उत्पाद शामिल होना चाहिए। आयुर्वेद कहता है कि भोजन केवल पेट भरने के लिए नहीं बल्कि शरीर को पोषण देने और आत्मा को प्रसन्न करने के लिए होता है। सुबह हल्का और पौष्टिक नाश्ता, दोपहर में संतुलित भोजन और रात को हल्का खाना पाचन और नींद दोनों के लिए लाभकारी है। साथ ही, पानी पर्याप्त मात्रा में पीना शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का सबसे आसान उपाय है।
व्यायाम और योग की शक्ति
आजकल लोग घंटों कंप्यूटर और मोबाइल पर बैठे रहते हैं। इससे न केवल मोटापा बढ़ता है बल्कि पीठ दर्द, आंखों की कमजोरी और तनाव जैसी समस्याएँ भी सामने आती हैं। इसलिए रोज़ाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना बेहद ज़रूरी है। चाहे वह तेज़ चलना हो, दौड़ना हो या फिर साइकिल चलाना—शरीर को सक्रिय बनाए रखना जीवन की ऊर्जा को बनाए रखता है। योग और प्राणायाम का अभ्यास मन को शांति देता है और शरीर को लचीला बनाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ पूरे शरीर के लिए एक अद्भुत व्यायाम है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करता है।
नींद: सबसे बड़ी दवा
नींद वह प्राकृतिक दवा है जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। देर रात तक मोबाइल चलाना, सोशल मीडिया स्क्रॉल करना या टीवी देखना हमारी नींद की गुणवत्ता को खराब कर देता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति को 6-8 घंटे की गहरी नींद की आवश्यकता होती है। नींद पूरी होने से शरीर की मरम्मत होती है, दिमाग तरोताज़ा रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। नींद से वंचित लोग चिड़चिड़ापन, तनाव और थकान का अधिक शिकार होते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन
शरीर स्वस्थ तभी कहलाएगा जब मन भी स्वस्थ हो। तनाव, अवसाद और चिंता आज की सबसे बड़ी बीमारियाँ बन चुकी हैं। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सबसे ज़रूरी है कि हम अपनी सोच सकारात्मक रखें। ध्यान, प्राणायाम, संगीत सुनना, परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना मानसिक संतुलन को बनाए रखने के बेहतरीन उपाय हैं। यह याद रखना चाहिए कि मानसिक शांति किसी दवा की बोतल में नहीं मिलती, बल्कि यह हमारी जीवनशैली और सोच पर निर्भर करती है।
नशे से दूरी और अच्छी आदतें
तंबाकू, शराब और नशे की अन्य आदतें धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती हैं। इनसे न केवल कैंसर और लीवर की बीमारियाँ होती हैं बल्कि परिवार और समाज पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। नशे से दूर रहकर अगर हम खेल, किताबें, संगीत या कोई रचनात्मक शौक अपनाएँ, तो जीवन अधिक स्वस्थ और संतुलित हो सकता है।
स्वास्थ्य ही असली धन है। यह केवल शरीर की मजबूती तक सीमित नहीं बल्कि मन की शांति, सकारात्मक सोच और जीवन की ऊर्जा से भी जुड़ा हुआ है। अगर हम संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें, तो जीवन का हर दिन एक नई ऊर्जा और उत्साह से भरा हो सकता है। याद रखिए, डॉक्टर केवल बीमारियों का इलाज करते हैं, लेकिन स्वस्थ रहने की जिम्मेदारी हमारी अपनी है।