नई दिल्ली
18 जुलाई 2025
कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर हैं। गुरुग्राम लैंड डील केस में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वाड्रा से जुड़ी 43 संपत्तियों को कुर्क कर लिया है और उनके खिलाफ आधिकारिक चार्जशीट (प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट) भी अदालत में दाखिल कर दी है।
ईडी का यह कदम उस समय सामने आया है जब रॉबर्ट वाड्रा पर पहले से ही कई जमीन सौदों को लेकर जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है और कुर्क की गई संपत्तियों की कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। इनमें गुरुग्राम और आस-पास के क्षेत्रों में स्थित भूखंड, व्यावसायिक संपत्तियां, और आवासीय यूनिट्स शामिल हैं, जो कथित तौर पर अवैध तरीके से अर्जित की गई थीं।
ईडी का आरोप है कि वाड्रा और उनसे जुड़ी कंपनियों ने फर्जी दस्तावेज़ों और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकारी और निजी ज़मीनों की खरीद-फरोख्त में भारी गड़बड़ी की, जिससे न सिर्फ सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ, बल्कि इस पैसे का इस्तेमाल दूसरे अवैध निवेशों में भी किया गया।
चार्जशीट में वाड्रा के अलावा उनकी सहयोगी कंपनियों और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के भी नाम हैं। ईडी ने दावा किया है कि उसने जांच के दौरान सैकड़ों दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड्स, ईमेल्स और गवाहों के बयान जुटाए हैं, जो इस मामले को मजबूत बनाते हैं।
इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा की तरफ से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनके वकीलों ने पहले इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था। उन्होंने दावा किया था कि हर बार चुनावों से पहले वाड्रा का नाम उछालकर कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जाती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कार्रवाई के पीछे कानून से ज़्यादा राजनीतिक संदेश भी छिपा हो सकता है। लेकिन यह भी सच है कि अगर ईडी की चार्जशीट अदालत में साबित हो जाती है, तो रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं और उनका सार्वजनिक जीवन भी प्रभावित हो सकता है।
अब सबकी निगाहें अदालत की अगली कार्यवाही पर हैं, जहां यह तय होगा कि क्या यह मामला केवल राजनीतिक बयानबाज़ी में उलझेगा या किसी निर्णायक कानूनी परिणाम तक पहुंचेगा। फिलहाल, ईडी की यह कार्रवाई कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका मानी जा रही है, खासकर उस समय जब पार्टी पहले से ही कई मोर्चों पर घिरी हुई है।