नई दिल्ली, 23 सितंबर
सोना ₹1,12,750 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। यह उछाल सीधे तौर पर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की आसान मौद्रिक नीति की उम्मीदों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं से जुड़ा है। सुरक्षित निवेश की तलाश में दुनिया भर के निवेशकों ने फिर से सोने की ओर रुख किया है और यही वजह है कि सोना अब तक के उच्चतम स्तर पर चमक रहा है।
फेड ब्याज दरों में नरमी ला सकता है, जिससे डॉलर कमजोर होगा और सोने की आकर्षण बढ़ेगी। वैश्विक स्तर पर मंदी, जियो-पॉलिटिकल तनाव और मुद्रास्फीति की आशंकाओं ने भी सोने की मांग को तेज़ किया है। यही कारण है कि सोना, जिसे ‘सेफ हेवन’ कहा जाता है, अब निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है।
भारतीय बाज़ारों में इस बढ़त का असर साफ दिखा। दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख केंद्रों में सोने की कीमतें रिकॉर्ड तोड़ने लगीं। शादी-विवाह और त्योहारी सीज़न की मांग ने इस तेजी को और सहारा दिया। ज्वेलरी कारोबारी मानते हैं कि इतनी ऊँची कीमतें आम खरीदारों की जेब पर भारी पड़ेंगी, लेकिन निवेशकों के लिए यह लंबे समय का लाभकारी सौदा साबित हो सकता है।
यदि फेडरल रिज़र्व उम्मीद के मुताबिक नरमी नहीं दिखाता या वैश्विक आर्थिक संकेत अचानक बदलते हैं, तो सोने की यह तेजी थम भी सकती है। फिर भी फिलहाल बाज़ार की धड़कन यही कह रही है कि सोने की चमक अभी और बढ़ने वाली है।