नई दिल्ली 3 सितम्बर 2025
जर्मनी ने भारत को एक तेजी से बढ़ती आर्थिक और वैश्विक शक्ति के रूप में मान्यता देते हुए इस साल के अंत तक भारत और यूरोपीय संघ के बीच लंबित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को पूरा करने की इच्छा व्यक्त की है। जर्मन विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने नई दिल्ली में कहा कि भारत अपनी रूस के साथ अपने करीबी संबंधों का उपयोग कर युद्ध को समाप्त करने और यूरोप में शांति स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वाडेफुल ने ये बयान ऐसे समय में दिए हैं जब व्यापार और कूटनीतिक मोर्चे पर अमेरिका और विशेषकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के खिलाफ कड़े टैरिफ और विवादों के बीच जर्मनी भारत के साथ सहयोग को और मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा कि यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन मिलकर रूस के खिलाफ एकजुट हैं, लेकिन रूस वार्ता में शामिल होने को तैयार नहीं है। ऐसे में भारत की भूमिका शांति प्रक्रिया के लिए अहम हो सकती है।
जर्मनी ने भारत को व्यापारिक समझौतों में तेजी लाने के साथ-साथ रक्षा और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने का इरादा भी जताया है। दोनों देशों ने मिलकर नई आर्थिक साझेदारी और व्यापार अवसरों को विकसित करने का मन बनाया है जिससे दोनों पक्षों को लाभ होगा।
यह साझेदारी न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक मोर्चे पर भारत और यूरोप के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक है। जर्मनी ने साफ तौर पर संकेत दिया कि वह भारत को एक भरोसेमंद वैश्विक साझेदार के रूप में देखता है जो विश्व शांति और स्थिरता में योगदान दे सकता है।
इस यात्रा के दौरान जर्मनी ने भारत के साथ अपने रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है, जिससे आने वाले महीनों में दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं सामरिक सहयोग और भी मजबूत होगा।