वॉशिंगटन/यरुशलम | 1 अक्टूबर 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाज़ा संकट पर अपने 20-बिंदु शांति प्रस्ताव को लेकर हमास को तीन से चार दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब देने का अल्टीमेटम दिया है। ट्रम्प ने कहा कि यह समयसीमा आख़िरी चेतावनी है और अब हामास को तय करना होगा कि वह शांति चाहता है या टकराव।
ट्रम्प की योजना के तहत, हमास को 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों को रिहा करना होगा, अपने हथियार डालने होंगे और इसके बदले इज़रायल गाज़ा से चरणबद्ध रूप से पीछे हटेगा। इस दौरान एक अंतरराष्ट्रीय संक्रमणकालीन प्राधिकरण (Transitional Authority) बनाया जाएगा, जिसमें अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और कुछ अरब देशों की भागीदारी होगी।
हालांकि, इस योजना को लेकर इज़रायल की राजनीति में मतभेद हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रस्ताव का समर्थन तो किया, लेकिन साफ कहा कि इज़रायल गाज़ा से पूरी तरह पीछे नहीं हटेगा और फिलिस्तीनी राज्य की कोई संभावना नहीं है। वहीं, उनकी सरकार के कट्टरपंथी मंत्रियों ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। वित्त मंत्री बेज़ल स्मोट्रिच ने इसे “राजनीतिक असफलता” करार देते हुए चेतावनी दी कि “ऐसा हुआ तो हमारे बच्चों को फिर गाज़ा में लड़ना पड़ेगा।”
हामास की तरफ से अभी औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कतर, जहां हामास का निर्वासित नेतृत्व बैठता है, ने कहा कि वे प्रस्ताव को “जिम्मेदारी से अध्ययन” करेंगे और आने वाले दिनों में बैठक कर निर्णय देंगे।
इस बीच गाज़ा में संघर्ष जारी है। इज़रायली हवाई हमलों और गोलाबारी में गाज़ा सिटी समेत कई इलाकों को निशाना बनाया गया है। नागरिक बचाव एजेंसियों के मुताबिक, हालिया हमलों में कई लोग घायल हुए और ढांचागत नुकसान हुआ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रस्ताव को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। सऊदी अरब, कतर और तुर्की जैसे देशों ने इसे सकारात्मक पहल बताया है, जबकि गाज़ा के स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह “अवास्तविक शर्तों” से भरा है, जिन्हें स्वीकार करना संभव नहीं।