बेंगलुरु, कर्नाटक
16 जुलाई 2025
बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा को उसी के फिजिक्स के लेक्चरर नरेंद्र ने कोर्स के नोट्स देने के बहाने संपर्क किया। आरोपी नरेंद्र ने छात्रा को बेंगलुरु बुलाया और उसे अपने दोस्त अनूप के घर ले गया। वहीं पर उसने पहली बार छात्रा का यौन शोषण किया और उस घटना का वीडियो बना लिया। यह वीडियो ही आगे ब्लैकमेलिंग का मुख्य हथियार बना। छात्रा को विश्वास में लेने के लिए शुरुआत में नरम रवैया दिखाया गया, लेकिन धीरे-धीरे वह एक गहरे मानसिक और शारीरिक शोषण के चक्रव्यूह में फँसती चली गई।
ब्लैकमेल और रेप
इस मामले में सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं, बल्कि कॉलेज के एक और लेक्चरर—बायोलॉजी के शिक्षक संदीप—ने भी छात्रा की असहायता का फायदा उठाया। जब उसे नरेंद्र द्वारा बनाए गए वीडियो और फोटो के बारे में पता चला, तो उसने भी छात्रा को धमकाकर संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। उसने कहा कि अगर वह नहीं मानी तो ये वीडियो कॉलेज में फैला दिए जाएंगे। छात्रा भयभीत थी, डरी हुई थी और एक बार फिर उसी अनूप के घर ले जाकर उसका यौन शोषण किया गया। यह दोहरा अपराध—दो शिक्षकों द्वारा अलग-अलग समय पर किया गया बलात्कार—उसके जीवन को भीतर तक तोड़ देने वाला था।
CCTV फुटेज की आड़ में दबाव
इस पूरे मामले में तीसरा आरोपी अनूप, जो नरेंद्र और संदीप का घनिष्ठ मित्र था, न सिर्फ अपना घर इन अपराधों के लिए उपलब्ध करवा रहा था, बल्कि उसने खुद भी छात्रा को शिकार बनाया। जब छात्रा ने विरोध करना चाहा, तो अनूप ने उसे धमकी दी कि उसके घर में लगे CCTV कैमरे में उसकी एंट्री रिकॉर्ड हो गई है और वह उसे ‘सहमति से आए हुए’ दिखाकर बदनाम कर सकता है। इसी डर और मानसिक दबाव के कारण छात्रा ने तीसरे बार भी अपने ऊपर हुए अत्याचार को सहन किया।
परिजनों से साझा की आपबीती
लगातार एक महीने तक चुप रहने के बाद जब शोषण का यह चक्र नहीं थमा, तब छात्रा ने हिम्मत जुटाकर अपनी मां से यह बात साझा की। माता-पिता ने बिना देरी किए Karnataka State Women’s Commission से संपर्क किया। आयोग ने तुरंत Marathahalli पुलिस थाने को कार्रवाई के निर्देश दिए। छात्रा का विस्तृत बयान दर्ज किया गया और पीड़िता के साथ संवेदनशीलता बरतते हुए मेडिकल जांच कराई गई।
FIR, तीनों आरोपी गिरफ्तार
Marathahalli पुलिस ने 5 जुलाई को तीनों आरोपियों—नरेंद्र, संदीप और अनूप—के खिलाफ बलात्कार, आपराधिक धमकी, साजिश और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन, CCTV फुटेज, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि वीडियो का इस्तेमाल लंबे समय से दबाव बनाने के लिए किया जा रहा था।
महिला आयोग की अध्यक्ष का संदेश
Karnataka State Women’s Commission की चेयरपर्सन नागलक्ष्मी चौधरी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ एक बच्ची का नहीं, बल्कि पूरे शैक्षणिक तंत्र की असफलता का प्रतीक है। उन्होंने सभी माता-पिता से अपील की कि वे बच्चों की बात को गंभीरता से लें, उनके ऑनलाइन व्यवहार पर नज़र रखें और भावनात्मक समर्थन दें। साथ ही कॉलेजों को सुझाव दिया कि वे ICC (Internal Complaints Committee) को मज़बूत करें और छात्राओं को जागरूक करने के लिए सेमिनार आयोजित करें।
शिक्षा की आड़ में अपराध
तीन शिक्षित युवकों—जिनमें दो अध्यापक थे—द्वारा की गई यह संगठित दरिंदगी न केवल एक छात्रा की गरिमा को कुचलती है, बल्कि यह देश की शिक्षा व्यवस्था पर भी गहरा प्रश्नचिन्ह लगाती है। जिन पर मार्गदर्शन का दायित्व था, उन्होंने भरोसे को ही सबसे बड़ी चोट दी। पुलिस अब जांच को डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आगे बढ़ा रही है और उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में कठोरतम सज़ा देकर एक मिसाल कायम की जाएगी। छात्रा की हिम्मत सराहनीय है, जिसने समाज के डर और बदनामी को पीछे छोड़कर न्याय की लड़ाई शुरू की।