क्रिकेट इतिहास में बहुत कम ऐसे मौके आए हैं जब किसी खिलाड़ी ने असंभव को संभव बना दिया हो। लेकिन 16 साल के भारतीय बल्लेबाज़ प्रणव धनावड़े ने वही कर दिखाया, जो दुनिया के किसी बल्लेबाज़ ने नहीं किया था। मुंबई के कल्याण स्थित केसी गांधी इंग्लिश स्कूल की ओर से खेलते हुए प्रणव ने मात्र 327 गेंदों में नाबाद 1009 रन ठोककर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। उनकी इस अविश्वसनीय पारी में 59 छक्के और 129 चौके शामिल थे, यानी लगभग हर तीसरी गेंद पर चौका या छक्का।
यह ऐतिहासिक पारी वर्ष 2016 में खेले गए भंडारी कप इंटर-स्कूल टूर्नामेंट में देखने को मिली थी। मैच में केसी गांधी इंग्लिश स्कूल का मुकाबला आर्य गुरुकुल स्कूल से था। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए आर्य गुरुकुल की पूरी टीम मात्र 31 रनों पर सिमट गई। इसके बाद जब प्रणव मैदान पर उतरे, तो उन्होंने गेंदबाज़ों पर ऐसा कहर बरपाया कि दो दिनों तक गेंद सीमा रेखा के बाहर जाती रही और स्कोरबोर्ड पर अंकों की बाढ़ आ गई। पहले दिन उन्होंने 652 रन बना लिए थे और दूसरे दिन यह आंकड़ा बढ़कर 1009 नॉट आउट तक पहुँच गया।
मैदान पर उस दौरान जो दृश्य बना, वह किसी तूफान से कम नहीं था। गेंदबाज़ों की हालत ऐसी थी कि वे हर गेंद के बाद नई रणनीति सोचते, लेकिन प्रणव का बल्ला किसी रफ्तार भरे हथियार की तरह चलता गया। दर्शक झूम उठे, स्टेडियम में मौजूद हर शख्स ने इस पारी को खड़े होकर सलाम किया। प्रणव की टीम ने कुल 1465 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया और विपक्षी टीम 59 रनों पर ढेर हो गई। यानी प्रणव ने अकेले ही विपक्षी टीम से 17 गुना ज़्यादा रन बनाए।
रिकॉर्ड बनने के बाद प्रणव ने कहा था — “मेरे पापा मुझे रोज़ स्कूटर पर बैठाकर प्रैक्टिस के लिए ले जाते थे। मेरी मां मेरे लिए भगवान हैं। यह रिकॉर्ड मेरे माता-पिता और कोच को समर्पित है।” प्रणव के पिता, जो ऑटो रिक्शा चलाते हैं, की आँखों में उस दिन गर्व के आँसू थे। उन्होंने कहा — “मेरे बेटे ने इतिहास रच दिया। अब पूरा भारत उसे जानेगा।”
इस रिकॉर्ड ने पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी। सचिन तेंदुलकर, बीसीसीआई, और आईसीसी ने प्रणव को बधाई दी। महाराष्ट्र सरकार ने उनकी आगे की शिक्षा और क्रिकेट प्रशिक्षण का पूरा खर्च उठाने का ऐलान किया। सोशल मीडिया पर उन्हें “मिनी तेंदुलकर” कहा जाने लगा। यह पारी सिर्फ एक मैच नहीं थी, बल्कि युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा बन गई।
प्रणव धनावड़े ने साबित कर दिया कि अगर जुनून, समर्पण और मेहनत हो, तो उम्र मायने नहीं रखती। उन्होंने दिखाया कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक है। आज भी उनके 1009 रनों की यह पारी क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी के रूप में दर्ज है। प्रणव धनावड़े — वह नाम जिसने दिखाया कि “अगर सपना बड़ा हो और इरादा सच्चा, तो बल्ला भी इतिहास लिख देता है।”
लेकिन वक्त ने खेल बदल दिया। जिस प्रणव धनावड़े ने कभी 1009 रनों की पारी से क्रिकेट की दुनिया को चौंका दिया था, वह अब चमक खोते नजर आते हैं। प्रणव की तरह शुरू में तो वे सुर्खियों में रहे, मगर बाद में उनका नाम-निशान सिसकते मीडिया और बदलती टीम संरचनाओं में कहीं दब गया।
समस्तीपुर के मात्र 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने चौंका दिया है — उन्होंने बिहार की रणजी टीम के उपकप्तान पद पर अपनी युवा प्रतिभा का भरोसा दिलाया है। आईपीएल 2025 में उन्होंने 101 रन केवल 38 गेंदों में जड़ कर सबसे कम उम्र के T20 शतकधारी बनकर इतिहास लिखा है। इस मैच में उन्होंने 11 छक्के और 7 चौके लगाये, और यह शतक केवल 35 गेंदों में पूरा कर लिया — जो कि भारतीय स्तर पर सबसे तेज़ IPL शतक बन गया।
इसके अलावा, वैभव ने इंग्लैंड की U-19 सीरीज़ में पांच मैचों में 355 रन बनाए और 174.01 की स्ट्राइक रेट से दराज किया, जहां वह सीरीज़ के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने। इस तरह, वैभव सूर्यवंशी ने छोटे-से समय में अपने खेल, आत्मविश्वास और रिकॉर्ड से यह संदेश दे दिया है कि भारत के नए क्रिकेट सितारे उभरते ज़रूर हैं — और उनके नाम अब सुर्खियों की नई दुनिया गूंजने लगी है।