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तेल से टेक तक” — सऊदी अरब बना ग्लोबल गेमिंग का नया सम्राट, 38 अरब डॉलर से रच रहा डिजिटल क्रांति का साम्राज्य

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इंटरनेशनल ब्यूरो 18 अक्टूबर 2025

रेगिस्तान से डिजिटल साम्राज्य तक: सऊदी का नया मिशन और आर्थिक परिवर्तन

सऊदी अरब, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय पहचान दशकों तक केवल तेल के कुओं, विशाल पेट्रोडॉलर भंडार और वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति में उसकी निर्णायक भूमिका तक सीमित थी, अब तेज़ी से एक क्रांतिकारी परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा शुरू किए गए महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम “Vision 2030” के तहत देश ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका भविष्य सिर्फ ऊर्जा निर्यात पर निर्भर नहीं रहेगा। इसके बजाय, सऊदी अरब का लक्ष्य स्वयं को दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली डिजिटल एंटरटेनमेंट हब के रूप में स्थापित करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, देश के प्रमुख शहरों – रियाद से लेकर जेद्दाह तक – में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। यहाँ अत्याधुनिक स्मार्ट गेमिंग सिटीज़, वर्चुअल रियलिटी (VR) एरीना और विशाल Esports स्टेडियमों का निर्माण किया जा रहा है। यह मात्र एक आर्थिक विविधीकरण (Economic Diversification) का प्रयास नहीं है; यह एक मौलिक मानसिकता का परिवर्तन है, जो सऊदी अर्थव्यवस्था को पारंपरिक तेल-आधारित संरचना से निकालकर 21वीं सदी के सबसे बड़े और सबसे तेज़ी से बढ़ते उद्योग – वीडियो गेम्स – में वैश्विक दावेदारी पेश करने की दिशा में प्रेरित कर रहा है।

तेल की जगह गेमिंग: सऊदी का $38 अरब डॉलर का डिजिटल दाँव और PIF की रणनीति

सऊदी अरब की इस डिजिटल महत्वाकांक्षा का केंद्र उसकी Public Investment Fund (PIF) है, जिसने पिछले दो वर्षों में अकेले गेमिंग सेक्टर में $38 अरब डॉलर (लगभग ₹3,16,500 करोड़) का अभूतपूर्व निवेश किया है। इस विशाल पूंजी का प्रबंधन और निवेश सऊदी की सहायक कंपनी Savvy Games Group के माध्यम से किया जा रहा है, जो तेज़ी से वैश्विक गेमिंग उद्योग की सबसे प्रभावशाली निवेश कंपनियों में से एक बन गई है। Savvy Games ने वैश्विक गेमिंग दिग्गजों जैसे Nintendo, Activision Blizzard, Take-Two Interactive, और EA Sports में महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। PIF का यह आक्रामक वित्तीय दाँव सऊदी अरब को सीधे तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे स्थापित गेमिंग पावरहाउस देशों के समकक्ष खड़ा कर देता है, जो अब तक इस उद्योग पर हावी रहे हैं। यह रणनीति दोहरे उद्देश्य को साधती है: पहला, तेल राजस्व पर देश की निर्भरता को कम करना; और दूसरा, सऊदी अरब को एक “सॉफ्ट पावर नेशन” के रूप में स्थापित करना, जहाँ वह अब केवल ऊर्जा ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल अनुभव और मनोरंजन भी निर्यात करेगा।

Vision 2030: सऊदी का डिजिटल सपना, GDP लक्ष्य और रोजगार सृजन

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की “Vision 2030” योजना को केवल एक आर्थिक सुधार कार्यक्रम मानना अपर्याप्त होगा; यह वास्तव में एक व्यापक वैचारिक और रणनीतिक क्रांति है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2030 तक गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र से होने वाले सकल घरेलू उत्पाद (GDP) योगदान को मौजूदा स्तर से 13 गुना अधिक बढ़ाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने एक विस्तृत National Gaming and Esports Strategy तैयार की है। इस रणनीति के तहत, देश की शिक्षा प्रणाली में गेम डेवलपमेंट, रिसर्च, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिज़ाइनिंग जैसे विषयों को एकीकृत किया जा रहा है, ताकि स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा मिल सके। रियाद और जेद्दाह में स्थापित किए जा रहे नए अत्याधुनिक गेमिंग हबों से अकेले 39,000 नई और उच्च-कुशल नौकरियाँ पैदा होने की उम्मीद है। यह पहल न केवल युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देगी, बल्कि मध्य-पूर्व में सऊदी अरब को एक “सिलिकॉन वैली” के रूप में रूपांतरित करने की दिशा में भी एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो नवाचार और प्रौद्योगिकी का केंद्र बनेगा।

 Play Beyond Borders: गेमिंग में सऊदी का ग्लोबल मिशन और AAA स्टूडियो

सऊदी अरब अब केवल “अरब वर्ल्ड का गेमिंग सेंटर” बनकर संतुष्ट नहीं होना चाहता; उसका वैश्विक मिशन है कि रियाद को न्यूयॉर्क और टोक्यो जैसे प्रमुख वैश्विक मनोरंजन केंद्रों के बराबर खड़ा किया जाए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, “Play Beyond Borders” नामक एक रणनीतिक पहल अपनाई गई है, जिसके तहत सऊदी अरब सक्रिय रूप से अपने स्वयं के AAA गेम स्टूडियो (उच्च-बजट और उच्च-गुणवत्ता वाले गेम बनाने वाले स्टूडियो) की स्थापना कर रहा है। इन स्टूडियो में अंतर्राष्ट्रीय डेवलपर्स और प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए आकर्षक टैक्स रियायतें, वित्तीय प्रोत्साहन और फ्री-ज़ोन लाभ दिए जा रहे हैं। इस महत्वाकांक्षा का भौतिक प्रतीक रियाद में बन रहा Gamers8 Arena है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा समर्पित ई-स्पोर्ट्स स्टेडियम कहा जा रहा है। इसकी क्षमता 50,000 दर्शकों की होगी और यह पूरे वर्ष 24×7 लाइव टूर्नामेंट और इवेंट्स की मेज़बानी करेगा। यह पहल सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं है, बल्कि सऊदी की वैश्विक राजनीतिक ब्रांडिंग और सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी का एक अभिन्न अंग है, जो यह संदेश दे रही है कि वैश्विक कूटनीति अब डिजिटल स्क्रीनों और गेमिंग प्लेटफॉर्मों के माध्यम से भी संचालित होगी।

 ग्लोबल प्रभाव: सऊदी अब सिर्फ तेल का नहीं, डेटा और डिजिटल अनुभव का भी राजा

सऊदी अरब ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गेमिंग को अपनी सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी के एक शक्तिशाली हथियार के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है। उसके आक्रामक और विशाल वित्तीय निवेशों ने उसे जापान, अमेरिका और चीन जैसी गेमिंग महाशक्तियों के बीच की रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में एक निर्णायक नया खिलाड़ी बना दिया है। जबकि पश्चिमी देश AI नैतिकता और डेटा प्रोटेक्शन जैसे मुद्दों में उलझे हुए हैं, सऊदी अरब चुपचाप “एंटरटेनमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर” और डिजिटल प्लेटफॉर्मों में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। यह रणनीति उसके वैश्विक प्रभाव और रणनीतिक महत्त्व को बढ़ा रही है। उदाहरण के लिए: 2024 में सऊदी का गेमिंग जीडीपी शेयर 2.6 प्रतिशत था, जिसे 2030 तक 20 प्रतिशत तक पहुँचाने का लक्ष्य है; PIF के पास Tencent, Nexon, और Capcom जैसी एशियाई गेमिंग दिग्गजों में भी भारी निवेश है; और उसका वार्षिक “Gamers8” टूर्नामेंट, जिसने 100 से अधिक देशों के खिलाड़ियों को आकर्षित किया, रियाद को “World eSports Capital” का अनौपचारिक दर्जा दिलाने में सहायक रहा है।

तेल की जगह कंट्रोलर: नई शक्ति और भविष्य के साम्राज्य का प्रतीक

निष्कर्षतः, आज सऊदी अरब यह स्पष्ट रूप से साबित कर रहा है कि भविष्य का साम्राज्य अब केवल तेल के कुओं से निकलने वाली ऊर्जा पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि यह गेमिंग सर्वरों और डिजिटल प्लेटफॉर्मों से संचालित होगा। यह वही देश है जिसने एक सदी तक दुनिया को भौतिक ऊर्जा (पेट्रोलियम) दी, और अब वही देश दुनिया को डिजिटल ऊर्जा – डेटा, डिज़ाइन, डिस्प्ले और इमर्सिव अनुभव – के रूप में नई शक्ति दे रहा है। अर्थशास्त्री और रणनीतिकार इस बदलाव को “21वीं सदी का तेल” यानी डिजिटल एंटरटेनमेंट इकोनॉमी कह रहे हैं। इस नए वैश्विक परिदृश्य में, सऊदी अरब ने सबसे पहले और सबसे निर्णायक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। जैसे कभी पेट्रोल और कच्चे तेल के निर्यात ने उसे अभूतपूर्व समृद्धि और भू-राजनीतिक शक्ति दी थी, ठीक वैसे ही अब गेमिंग, ई-स्पोर्ट्स और टेक्नोलॉजी उसकी नई पहचान और वैश्विक प्रभुत्व का आधार बन रहे हैं। रेगिस्तान की रेत से अब सऊदी की पहचान बदल रही है — अब वहाँ से तेल नहीं, गेमिंग की नई रोशनी, डिज़ाइन और डिजिटल डेटा की ऊर्जा फैल रही है।

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