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संवाद से विश्वास की ओर: मोहन भागवत की 50 मुस्लिम धर्मगुरुओं से ऐतिहासिक मुलाकात

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नई दिल्ली

24 जुलाई 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर आपसी संवाद और सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश की। दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में उन्होंने देशभर से आए 50 से अधिक मुस्लिम धर्मगुरुओं, मौलानाओं, मुफ्तियों और बुद्धिजीवियों से महत्वपूर्ण मुलाकात की। बैठक का उद्देश्य आपसी समझ, सौहार्द और विश्वास को मजबूत करना था।

बैठक में मौलाना उमेर अहमद इलियासी, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख, समेत कई प्रमुख मुस्लिम प्रतिनिधि शामिल हुए। इस संवाद में मदरसों में शिक्षा सुधार, मुस्लिम समाज में सामाजिक और आर्थिक विकास के उपाय, और युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने जैसे विषयों पर गंभीर चर्चा हुई।

आरएसएस की ओर से इंद्रेश कुमार, रामलाल, कृष्ण गोपाल जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि “संवाद ही एकता की कुंजी है” और समाज को जोड़ने के लिए लगातार संवाद आवश्यक है।

भागवत का बयान: हम भारतीय पहले हैं। मतभेदों को संवाद से मिटाया जा सकता है। हमें मिलकर एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत बनाना है।

मौलाना इलियासी ने कहा: यह संवाद राष्ट्र के हित में है। जब शीर्ष स्तर पर भरोसे की बात होगी, तभी समाज के अंतिम व्यक्ति तक शांति और विकास का संदेश पहुंचेगा।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश में धार्मिक ध्रुवीकरण और गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। RSS का यह प्रयास मुस्लिम समाज के साथ विश्वास की एक नई इबारत लिखने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

विशेष बातें:

  1. बैठक में 50 से अधिक मुस्लिम प्रतिनिधि शामिल
  2. शिक्षा, रोजगार, और सांप्रदायिक सौहार्द जैसे मुद्दों पर चर्चा
  3. संवाद को नियमित और संस्थागत करने पर सहमति

यह पहल साबित करती है कि “भारत की आत्मा संवाद में बसती है” — और यही रास्ता एक मजबूत, समावेशी और विकसित राष्ट्र की ओर ले जाएगा।

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