बेंगलुरु, कर्नाटक | 1 अगस्त 2025
पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के पोते और जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु स्थित विधायकों और सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की विशेष अदालत ने एक बलात्कार मामले में दोषी ठहराया है। यह मामला 48 वर्षीय घरेलू सहायिका से बार-बार बलात्कार, यौन उत्पीड़न और धमकी देने से संबंधित है। पीड़िता कभी हासन जिले के गन्निकाडा स्थित रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में काम करती थी।
कोर्ट ने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(k), 376(2)(n), 354A, 354B, 354C, 506, 201 और आईटी एक्ट की धारा 66ई के तहत दोषी पाया गया है। इन धाराओं में प्रभाव का दुरुपयोग कर बलात्कार, बार-बार बलात्कार, अश्लील हरकतें, महिला को निर्वस्त्र करने की कोशिश, झांकना, धमकाना और साक्ष्य मिटाना शामिल हैं।
विशेष लोक अभियोजक अशोक नायक ने बताया कि इस केस की सुनवाई 2 मई 2025 को शुरू हुई थी और इसमें 26 गवाहों से जिरह की गई। इस दौरान 180 दस्तावेज बतौर सबूत कोर्ट में पेश किए गए। कुल मिलाकर 38 बार तारीखें पड़ीं और लंबी सुनवाई के बाद फैसला आया।
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कुल तीन बलात्कार के मामले और एक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हैं। यह पहला मामला है जिसमें ट्रायल पूरा हुआ और कोर्ट ने सजा का ऐलान करने की घोषणा की। 2 अगस्त 2025 को सजा की अवधि की घोषणा की जाएगी।
इस पूरे मामले ने न केवल कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है, बल्कि यह राजनीति में नैतिकता और महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न भी खड़े कर रहा है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब देश में महिला अपराधों और राजनीतिक संरक्षण को लेकर लगातार बहस हो रही है। पीड़िता की पहचान, सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, गोपनीय रखी गई है।
यह निर्णय न्यायपालिका की उस मजबूत रीढ़ की मिसाल है जो यह दर्शाता है कि पद, प्रतिष्ठा या पारिवारिक पृष्ठभूमि किसी को भी कानून के ऊपर नहीं बनाती। अब सभी की नजरें 2 अगस्त को अदालत द्वारा घोषित की जाने वाली सजा की अवधि पर टिकी होंगी।