वॉशिंगटन, 26 सितम्बर 2025
अमेरिका की राजनीति और कानून प्रवर्तन एजेंसियों में हलचल मचाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। एफबीआई के पूर्व निदेशक जेम्स कोमी पर दो आपराधिक मामलों में आधिकारिक तौर पर आरोप तय कर दिए गए हैं। यह आरोप संघीय ग्रैंड ज्यूरी द्वारा लगाए गए हैं और इसे अमेरिका के हालिया इतिहास में सबसे हाई-प्रोफाइल अभियोग माना जा रहा है।
अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, जेम्स कोमी पर जिन दो मामलों में आरोप लगे हैं, वे शक्ति के दुरुपयोग और गोपनीय सूचनाओं के अनुचित इस्तेमाल से जुड़े हैं। आरोपपत्र में कहा गया है कि कोमी ने अपनी डायरेक्टरी के दौरान कुछ संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों को निजी रूप से रखने और उनकी जानकारी बिना उचित अनुमति के साझा करने का प्रयास किया। इन आरोपों को लेकर अमेरिका में तीखी बहस छिड़ गई है, क्योंकि कोमी वही अधिकारी हैं जिन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हिलेरी क्लिंटन के ईमेल विवाद की जांच का नेतृत्व किया था और बाद में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बर्खास्त कर दिए गए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस केस का असर न केवल कोमी की प्रतिष्ठा पर पड़ेगा बल्कि आने वाले राष्ट्रपति चुनावों के राजनीतिक माहौल पर भी पड़ेगा। डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेता इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रहे हैं, जबकि रिपब्लिकन नेता कह रहे हैं कि “न्याय आखिरकार हो रहा है।” कोमी के वकीलों ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और वह अदालत में अपना बचाव मजबूती से करेंगे।
जेम्स कोमी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन उन्हें अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा गया है। यदि वह दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें जेल की सजा और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई अगले महीने निर्धारित की गई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले को बारीकी से देखा जा रहा है क्योंकि कोमी लंबे समय तक अमेरिकी खुफिया तंत्र का चेहरा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह अभियोग अमेरिका में संस्थागत जवाबदेही के लिए एक बड़ा टेस्ट होगा और यह तय करेगा कि क्या उच्च पदों पर बैठे लोग भी कानून से ऊपर नहीं हैं।