पटना 6 सितम्बर 2025
बिहार की सियासत में एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जोरों पर है। जेडीयू ने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी से कम नहीं, बल्कि एक सीट ज्यादा लेकर चुनाव लड़ेगी। यह मांग बिहार की आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी राजनीतिक जंग की पहली आग है जो एनडीए गठबंधन के अंदर अंदरूनी दरार का संकेत दे रही है।
नीतीश कुमार की पार्टी अब बड़े भाई की भूमिका में खुद को स्थापित करने की कड़ी जिद में है। यह मांग न केवल राजनीतिक शरारत है बल्कि गठबंधन के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर भी सस्पेंस बढ़ा रही है। बीजेपी हाईकमान के लिए यह चुनौती है कि वह अपनी प्रमुख भूमिका बचाए रखे और साथ ही जेडीयू की बढ़ती दावेदारी को भी संतुलित करे।
बिहार के 243 विधानसभा सीटों के लिए चल रही सीट शेयरिंग की प्रक्रिया अभी अंतिम फेज में है, लेकिन इस वार-पलटवार और जिद की वजह से गठबंधन में तनाव बढ़ता जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि राजनीतिक कूटनीति जारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया है। एनडीए के अंदर चल रही इस सीट बंटवारे की जंग में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के मतभेद भी संदिग्ध माहौल बना रहे हैं।
नीतीश कुमार की पार्टी के इस बड़े दावे से साफ है कि बिहार में सत्ता समीकरण अब आसान नहीं रहेगा और आने वाले दिनों में राजनीतिक संघर्ष और अधिक तीव्र होगा। बिहार की राजनीति में एनडीए के भीतर यह सीट की लड़ाई केवल चुनाव जीतने की नहीं, बल्कि सत्ता का बड़ा दांव भी है।
इस जंग के बीच भाजपा की गहरी सोच और नीतीश की भूमिका पर सबकी नजरें टिकी हैं। बिहार का सियासी माहौल आने वाले विधानसभा चुनाव तक काफी संघर्षपूर्ण रहने वाला है।