Home » International » त्योहार की खुशियों में मातम : म्यांमार में बौद्ध महोत्सव पर बम से हमला, 24 की मौत

त्योहार की खुशियों में मातम : म्यांमार में बौद्ध महोत्सव पर बम से हमला, 24 की मौत

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

नायपीडॉ (म्यांमार) 8 अक्टूबर 2025

म्यांमार एक बार फिर हिंसा के साये में डूब गया जब एक बौद्ध धार्मिक उत्सव को निशाना बनाकर किए गए हवाई बम हमले में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए। यह हमला म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में तब हुआ जब सैकड़ों श्रद्धालु एक पारंपरिक बौद्ध बलून फेस्टिवल (Balloon Festival) में भाग ले रहे थे। अचानक आकाश से आए पैराग्लाइडर ने कार्यक्रम स्थल पर बम गिराए, जिससे पूरे इलाके में भगदड़ और चीख-पुकार मच गई। यह हमला उस समय हुआ जब बच्चे आतिशबाज़ी देख रहे थे और लोग धार्मिक अनुष्ठान में व्यस्त थे।

प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमलावर पैराग्लाइडर एक विद्रोही गुट से जुड़ा व्यक्ति बताया जा रहा है, जिसने भीड़ के ऊपर से उड़ान भरते हुए दो शक्तिशाली बम गिराए। बम गिरते ही वहां अफरातफरी मच गई और कुछ ही मिनटों में जश्न का माहौल तबाही में बदल गया। धमाके इतने ज़ोरदार थे कि आसपास के घरों की खिड़कियां टूट गईं और मंच का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया।

म्यांमार की सैन्य सरकार ने इस हमले के लिए “आतंकी समूहों और सशस्त्र जातीय मिलिशिया” को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि विपक्षी गुटों ने इसे सेना द्वारा रचाया गया “झूठा झंडा हमला” (false-flag attack) करार दिया है ताकि आम नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई को जायज़ ठहराया जा सके। यह भ्रम और आरोप-प्रत्यारोप म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध जैसे हालात की भयावह तस्वीर पेश करते हैं, जहां 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से देश भर में हिंसा और अव्यवस्था फैली हुई है।

स्थानीय अधिकारियों ने बयान जारी किया कि मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है और राहत व बचाव अभियान जारी है। सागाइंग के अस्पतालों में घायलों की भीड़ लगी हुई है, जबकि ग्रामीण इलाकों से सैकड़ों लोग भय के कारण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। यूएन ह्यूमन राइट्स ऑफिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि “धार्मिक समारोहों पर इस तरह के हमले युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं।” कई देशों ने म्यांमार सरकार से इस हमले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

यह पहली बार नहीं है जब म्यांमार में नागरिकों पर हवाई हमले हुए हैं। पिछले दो वर्षों में सेना और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष में हजारों निर्दोष नागरिक मारे जा चुके हैं। गांवों पर ड्रोन और हवाई बमबारी आम बात बन चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि म्यांमार अब “संघर्ष क्षेत्र” से अधिक एक पूर्ण मानवीय संकट में बदल चुका है।

एक स्थानीय भिक्षु ने पत्रकारों को बताया कि, “हम हर साल यह उत्सव शांति और सौहार्द के संदेश के साथ मनाते थे, लेकिन इस बार हमारे मंदिर में सिर्फ लाशें और धुआं रह गया।” उनकी बात म्यांमार की उस त्रासदी का प्रतीक है, जहां धर्म और त्योहार भी अब हिंसा के निशाने पर हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है — क्या म्यांमार में कोई ऐसी शक्ति बची है जो इस हिंसा को रोक सके? या फिर देश धीरे-धीरे एक ऐसी गहराई में उतर चुका है, जहां न कानून बचा है, न करुणा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *