अंकारा/यरुशलम, 14 सितंबर 2025
पश्चिम एशिया में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कतर के बाद अब तुर्की पर भी इजरायल के हमले की आशंका जताई जा रही है। कतर के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि इजरायल हमास को समर्थन देने वाले देशों पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है, जिसमें तुर्की का नाम सबसे ऊपर है। इस बीच, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने सेना को फौरन तैयारी तेज करने के आदेश दिए हैं।
कतर के बाद तुर्की पर नजर
इजरायल का कहना है कि हमास को मिल रहे बाहरी समर्थन से उसका आतंकवाद विरोधी अभियान कमजोर हो रहा है। कतर को पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है और अब तुर्की पर भी सीधा आरोप लगाया जा रहा है कि वह हमास को राजनीतिक और वित्तीय मदद दे रहा है। यही वजह है कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई का अगला लक्ष्य अंकारा हो सकता है।
एर्दोगन का सख्त रुख
तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस खतरे को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अपने रक्षा मंत्रालय और जनरल स्टाफ को आदेश दिया है कि सीमाओं पर सैन्य तैयारियों को तेज किया जाए और सभी आपात योजनाओं को तुरंत सक्रिय किया जाए। एर्दोगन ने कहा कि “तुर्की किसी भी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देगा और राष्ट्रीय संप्रभुता पर समझौता नहीं होगा।”
कूटनीतिक जंग भी तेज
इस पूरे घटनाक्रम ने कूटनीतिक स्तर पर भी हलचल मचा दी है। नाटो (NATO) में तुर्की की सदस्यता और अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, इजरायल को कई पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल है। अरब जगत में इस खबर ने हलचल मचा दी है और कई देश तुर्की के समर्थन में बयान दे रहे हैं।
क्षेत्रीय स्थिरता पर बड़ा खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इजरायल और तुर्की आमने-सामने आते हैं तो यह संघर्ष सिर्फ गाजा या कतर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में अशांति फैला सकता है। दोनों देशों की सैन्य ताकत और क्षेत्रीय गठबंधनों को देखते हुए इसका असर वैश्विक राजनीति और ऊर्जा सुरक्षा पर भी पड़ेगा।
कतर से शुरू हुआ विवाद अब तुर्की तक पहुंच गया है। इजरायल की आक्रामक रणनीति और तुर्की के युद्ध-स्तर की तैयारियों ने हालात को और गंभीर बना दिया है। आने वाले दिनों में यह टकराव किस दिशा में जाएगा, इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी होंगी।