गिरफ्तारी से मचा हड़कंप
लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी बताकर सरकारी तंत्र को गुमराह किया। आरोपी लंबे समय से फर्जी पहचान के सहारे सरकारी पास बनवाता रहा और प्रशासनिक दबदबे का दिखावा करता रहा। इस खुलासे ने शहर भर में हड़कंप मचा दिया है।
फर्जी सरकारी पास और दस्तावेज़ बरामद
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ने कई फर्जी सरकारी पास तैयार कर रखे थे। इन पासों का इस्तेमाल वह वीआईपी मूवमेंट में करता था ताकि उसे वैधता का आभास दिया जा सके। शुरुआती पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी ने कई बार सरकारी बैठकों और कार्यक्रमों में भी प्रवेश पाया।
लग्जरी कारों का शौक और रसूख का खेल
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से कई लग्जरी कारें बरामद की हैं। इन कारों पर भी फर्जी सरकारी स्टिकर और पास लगे थे। आरोपी इन्हीं साधनों का उपयोग कर आम लोगों और अधिकारियों को प्रभावित करता था। लग्जरी कारों और फर्जी पहचान के सहारे उसने अपनी एक अलग “प्रभावशाली” छवि बना रखी थी।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
लखनऊ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। फर्जी दस्तावेज़ों की जांच के लिए संबंधित एजेंसियों से संपर्क किया गया है। पुलिस यह भी खंगाल रही है कि आरोपी ने अब तक कितने लोगों को ठगा और किन सरकारी बैठकों या दफ्तरों में उसने प्रवेश किया।
समाज और व्यवस्था के लिए बड़ा सवाल
इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे कोई शख्स फर्जी IAS अधिकारी बनकर न केवल सरकारी पास हासिल करता रहा बल्कि लग्जरी कारों में घूमते हुए रसूखदार छवि भी कायम रखी? यह घटना न सिर्फ प्रशासन बल्कि पूरे समाज के लिए चिंतन का विषय है।