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विस्फोटक चेतावनी: खतरे में हैं UAE के 70% स्मार्ट होम डिवाइसेज़

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दुबई, 10 सितंबर 2025

यूएई में स्मार्ट डिवाइस पर मंडराता साइबर खतरा

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में डिजिटल जीवनशैली बहुत तेजी से अपनाई जा रही है। यहां के घर अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस होते जा रहे हैं, जिनमें इंटरनेट से जुड़े ताले, कैमरे, टीवी, फ्रिज और वॉयस असिस्टेंट शामिल हैं। लोग इन्हें आधुनिक जीवन का हिस्सा मानकर सुरक्षा और सुविधा के लिए खरीदते हैं। लेकिन हाल की एक रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि यह सुविधा दरअसल एक नए तरह के खतरे को जन्म दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार, यूएई में मौजूद लगभग 70% स्मार्ट होम डिवाइस साइबर हमलों के लिए बेहद असुरक्षित हैं। यह नतीजा न केवल चौंकाने वाला है बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या हम अपनी सुरक्षा के बदले केवल तकनीक की चमक को गले लगा रहे हैं?

यूएई की यह चेतावनी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम स्मार्ट जीवन जीते हुए अपनी सुरक्षा के साथ समझौता कर रहे हैं? यह खबर सिर्फ यूएई के लोगों के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए सबक है कि तकनीक जितनी स्मार्ट होती है, उतनी ही समझदारी हमें उसके इस्तेमाल में भी दिखानी चाहिए।

स्मार्ट डिवाइस: सुविधाजनक लेकिन कमजोर कड़ी

स्मार्ट डिवाइस का मूल उद्देश्य जीवन को आसान और सुरक्षित बनाना है। जैसे स्मार्ट लॉक से घर का दरवाज़ा मोबाइल से खुल सकता है, स्मार्ट कैमरा घर की सुरक्षा पर नजर रख सकता है और वॉयस असिस्टेंट से बिना मेहनत किए काम किए जा सकते हैं। लेकिन इन सभी डिवाइसों की सुरक्षा व्यवस्था ज्यादातर मामलों में कमजोर होती है। आम उपभोक्ता डिवाइस खरीदने के बाद डिफॉल्ट पासवर्ड बदलने की जहमत नहीं उठाते। कई बार सुरक्षा अपडेट को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। परिणामस्वरूप, ये डिवाइस हैकर्स के लिए सबसे आसान लक्ष्य बन जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अक्सर लोग तकनीकी सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं लेकिन सुरक्षा के पहलू पर ध्यान नहीं देते।

जब आपका घर ही बन जाए हैकर का ठिकाना

सबसे डरावनी स्थिति तब होती है जब कोई अजनबी आपके ही घर की तकनीक पर कब्ज़ा कर ले। सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर स्मार्ट कैमरा हैक हो जाए तो कोई भी आपकी निजी जिंदगी पर नजर रख सकता है। स्मार्ट लॉक हैक हो जाने पर कोई भी आपके घर में घुस सकता है। यहां तक कि स्मार्ट स्पीकर या वॉयस असिस्टेंट से आपकी निजी बातचीत रिकॉर्ड की जा सकती है। यह सिर्फ डेटा चोरी तक सीमित नहीं रहता बल्कि आपकी और आपके परिवार की भौतिक सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है। सोचिए, जब तकनीक जो आपको सुरक्षा देने आई थी, वही आपके खिलाफ हथियार बन जाए, तो यह कितना गंभीर खतरा है।

साइबर सुरक्षा एजेंसियों का अलर्ट

यूएई के साइबर सुरक्षा प्राधिकरणों ने हाल ही में लोगों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि डिजिटल सुरक्षा को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे सभी स्मार्ट डिवाइस का पासवर्ड बदलें और नियमित रूप से सुरक्षा अपडेट इंस्टॉल करें। इसके अलावा, उन्होंने यह भी चेताया है कि लोग सिर्फ ब्रांड या कीमत देखकर डिवाइस न खरीदें बल्कि यह भी देखें कि उसमें पर्याप्त सुरक्षा फीचर्स मौजूद हैं या नहीं। खासकर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) से जुड़े उपकरणों में सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।

महामारी और स्मार्ट डिवाइस का बढ़ता इस्तेमाल

कोविड-19 महामारी के बाद जब लोग घर से काम करने लगे, तो स्मार्ट डिवाइस की मांग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। कैमरे, स्मार्ट प्रिंटर, वॉयस असिस्टेंट और होम नेटवर्किंग उपकरण हर घर का हिस्सा बनने लगे। लेकिन इसी दौरान साइबर अपराधियों ने भी इन डिवाइसों को निशाना बनाना शुरू किया। आंकड़ों के अनुसार, महामारी के दौरान स्मार्ट डिवाइस से जुड़े साइबर हमलों में लगभग 300% की वृद्धि हुई। यह दिखाता है कि जैसे-जैसे तकनीक जीवन में गहराई तक प्रवेश करती है, वैसे-वैसे खतरे भी बढ़ते जाते हैं।

वैश्विक स्तर पर गंभीर चुनौती

यह समस्या केवल यूएई तक सीमित नहीं है। पूरी दुनिया में स्मार्ट डिवाइस की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। अमेरिका में साइबर अपराध हर साल अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचा रहे हैं। यूरोप में हुए एक सर्वे में पाया गया कि आधे से ज्यादा उपभोक्ता अपने डिवाइस की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह अनजान हैं। वहीं एशिया में स्मार्ट कैमरों की हैकिंग सबसे ज्यादा दर्ज की गई है। रिपोर्टों के अनुसार, एक औसत हैकर सिर्फ पांच मिनट में असुरक्षित स्मार्ट कैमरे को हैक कर सकता है।

सुरक्षा उपाय: खुद की रक्षा कैसे करें?

विशेषज्ञों ने उपभोक्ताओं को कुछ आसान कदम उठाने की सलाह दी है। सबसे पहले, मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें और समय-समय पर उन्हें बदलें। दूसरा, डिवाइस के सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर को हमेशा अपडेट रखें। तीसरा, घर के नेटवर्क पर एक मजबूत फायरवॉल और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें। चौथा, अज्ञात या संदिग्ध कंपनियों के सस्ते डिवाइसों से दूरी बनाएं। और सबसे महत्वपूर्ण, बच्चों और बुजुर्गों को भी यह समझाएं कि स्मार्ट डिवाइस को इस्तेमाल करते समय सुरक्षा के नियमों का पालन जरूरी है।

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