नई दिल्ली/चेन्नई:21 सितंबर 2025
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु की 42 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इनमें कई ऐसे दल शामिल हैं जो DMK और बीजेपी गठबंधन के सहयोगी रहे हैं। आयोग का कहना है कि इन दलों ने पिछले छह वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए नियमों के तहत इन्हें डीलिस्ट किया गया है।
कौन-कौन सी पार्टियाँ प्रभावित?
इस सूची में MMK (मणिथा नीति काच्ची) और KMDK (कोंगुनाडु मक्कल देशिया काच्ची) जैसे दल शामिल हैं, जो DMK गठबंधन के अहम सहयोगी रहे। MMK और KMDK ने 2021 विधानसभा चुनाव DMK के चुनाव चिन्ह ‘राइजिंग सन’ पर लड़कर विधायक भी चुने थे।
इसके अलावा MJK, TMMK, पेरुंथलैवर मक्कल काच्ची जैसे दलों का नाम भी रद्द हुई पार्टियों में शामिल है। इनमें से कुछ दल पहले NDA और बीजेपी गठबंधन के साथ भी चुनाव लड़ चुके हैं।
चुनाव आयोग का तर्क
ECI ने साफ किया है कि राजनीतिक दलों को सक्रियता बनाए रखने के लिए चुनावों में भाग लेना जरूरी है। छह साल तक चुनाव न लड़ने वाली पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। आयोग ने यह कदम देशभर में जारी एक क्लीन-अप ड्राइव का हिस्सा बताया है। इससे पहले भी बड़ी संख्या में गैर-सक्रिय दलों को डीलिस्ट किया गया था।
प्रभावित दलों की नाराज़गी
रजिस्ट्रेशन रद्द होने से नाराज पार्टियों का कहना है कि वे अब भी सक्रिय हैं और चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया। MMK नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ चुनाव न लड़ना ही रजिस्ट्रेशन रद्द करने का पर्याप्त आधार नहीं है, जब तक कि कोई धोखाधड़ी, अवैध गतिविधि या नियम उल्लंघन साबित न हो।
असर और आगे का रास्ता
इस फैसले से प्रभावित पार्टियों को अब मान्यता प्राप्त दलों के अधिकार नहीं मिलेंगे—जैसे कि चुनाव चिन्ह का विशेष उपयोग, प्रचार संबंधी रियायतें और अन्य चुनावी सुविधाएं।
हालांकि, उन्हें कानूनी रास्ता अपनाने या आयोग के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर मिलेगा। कार्रवाई तमिलनाडु की राजनीति में गठबंधनों की ताकत और छोटे दलों की सक्रियता पर सीधा असर डाल सकती है।