नई दिल्ली 11 सितम्बर 2025
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया है कि वे इस साल देशव्यापी वोटर लिस्ट संशोधन की तैयारियां तुरंत शुरू करें। यह निर्णय बुधवार को आयोजित विशेष बैठक में लिया गया, जिसमें Special Intensive Revision (SIR) के तहत मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया और समयसीमा पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में सभी राज्यों और UTs के चुनाव अधिकारियों ने SIR संचालन पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं और इस पर अपनी तैयारियों का विवरण साझा किया।
बैठक में प्रस्तुतियों का विस्तृत अवलोकन
बैठक में सभी CEOs ने अपने-अपने राज्यों और UTs की वोटर सूची की स्थिति पर प्रस्तुति दी। इसमें पिछली SIR के बाद वोटर सूची में हुए डिजिटलाइज़ेशन का विवरण, मतदाताओं का मैपिंग स्टेटस, और प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या शामिल थी। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता न हों, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू और पारदर्शी बनी रहे। अधिकारियों ने यह भी बताया कि दस्तावेजों की प्रक्रिया सरल हो, जिससे कोई भी पात्र नागरिक वोटर सूची से बाहर न रहे।
DEOs, EROs, AEROs और BLOs की भूमिका
चुनाव आयोग ने विशेष रूप से जिला, प्रखंड और क्षेत्रीय स्तर पर नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण की स्थिति पर जोर दिया। DEOs, EROs, AEROs और BLOs को इस प्रक्रिया के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। आयोग ने कहा कि इन अधिकारियों का प्रशिक्षण और उनके कार्य की निगरानी आवश्यक है ताकि मतदाता सूची में किसी भी तरह की त्रुटि न रहे और सभी पात्र नागरिक वोट डाल सकें।
बिहार SIR और राजनीतिक विवाद
चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR का संचालन किया था। यह प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की गई थी, जिससे विपक्षी दलों में विरोध और आलोचना हुई। कांग्रेस, RJD और तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह राजनीतिक साजिश हो सकती है और इससे हाशिए के समुदायों के मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने बार-बार स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है, और इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
पूरे देश में SIR की संभावित तिथि
चुनाव आयोग ने बताया कि सभी राज्यों और UTs में तैयारियों की समीक्षा के बाद ही देशव्यापी SIR की तिथि घोषित की जाएगी। आयोग का उद्देश्य है कि पूरे भारत में मतदाता सूची अद्यतन और सटीक हो, और कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रहे। यह कदम न केवल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आवश्यक है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।