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कश्मीर में शिक्षा सुधार की बिगुल: KSF ने पुरानी कार्यकारिणी को किया बर्खास्त, नई सोच के साथ होगी नई शुरुआत

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श्रीनगर, 22 सितम्बर 2025:
कश्मीर की शिक्षा व्यवस्था में लंबे समय से चली आ रही सुस्ती और जड़ता को तोड़ने के लिए कश्मीर स्कूल्स फेडरेशन (KSF) ने सोमवार को बड़ा और साहसिक कदम उठाया। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने तत्काल प्रभाव से अपनी पुरानी कार्यकारिणी समिति को भंग कर दिया और साफ संकेत दे दिया कि अब कश्मीर में शिक्षा व्यवस्था पुराने ढर्रे पर नहीं, बल्कि नई सोच और नए विज़न के साथ चलेगी। यह फैसला केवल एक संगठनात्मक बदलाव नहीं बल्कि शिक्षा सुधार का बिगुल है, जो कश्मीर के छात्रों और शिक्षकों को एक नई दिशा देगा।

जिला दौरा कार्यक्रम से होगी जमीनी हकीकत की पहचान

फेडरेशन ने यह भी तय किया है कि 25 सितम्बर तक प्रतिनिधि सभी जिलों में स्कूलों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रशासकों से सीधी बातचीत करेंगे, ताकि शिक्षा जगत की असली चुनौतियों और समस्याओं को समझा जा सके। यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं होगा, बल्कि उन कमियों को दूर करने का ठोस प्रयास होगा जो वर्षों से शिक्षा प्रणाली को जकड़े हुए हैं।

2 अक्टूबर तक बनेगी नई कार्यकारिणी, आएंगे नए चेहरे और नई सोच

जिला दौरे के बाद फेडरेशन ने ऐलान किया है कि 2 अक्टूबर तक नई कार्यकारिणी समिति का गठन कर दिया जाएगा। इस समिति में ऐसे शिक्षाविद और पेशेवर शामिल होंगे, जो शिक्षा सुधार के लिए वास्तव में प्रतिबद्ध हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि नई टीम न केवल पढ़ाई की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी, बल्कि छात्रों को खेल, संस्कृति और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी आगे बढ़ने के अवसर दिलाएगी।

शिक्षा सुधार का मिशन, छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी

बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय KSF की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें शिक्षा को लगातार बेहतर बनाने और छात्रों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने की गंभीरता झलकती है। नई कार्यकारिणी आने के बाद शिक्षा प्रणाली में नई ऊर्जा, नए विचार और ठोस योजनाएँ दिखाई देंगी।

हितधारकों से अपील: बदलाव में साथ दें

KSF ने छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शैक्षणिक संस्थानों से अपील की है कि वे इस बदलाव की प्रक्रिया में संगठन का साथ दें। उनका कहना है कि यह बदलाव केवल संगठन तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे कश्मीर की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगा। सामूहिक सहयोग से ही एक मजबूत और प्रभावी शिक्षा तंत्र तैयार किया जा सकता है।

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