मुंबई 23 सितंबर 2025
फेयरप्ले बेटिंग ऐप घोटाले पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक का सबसे बड़ा प्रहार किया है। एजेंसी ने इस हाई-प्रोफाइल केस में कार्रवाई करते हुए 651 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर लिया है। यह वही स्कैम है जिसने देशभर में ऑनलाइन सट्टेबाज़ी, हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग की गहरी जड़ों को उजागर किया है। ED की इस कार्रवाई ने उन माफियाओं और सफेदपोशों की नींद उड़ा दी है जो इस काले खेल में पर्दे के पीछे से ताक़त झोंक रहे थे।
एजेंसी के मुताबिक, फेयरप्ले ऐप के ज़रिए न केवल करोड़ों का अवैध सट्टा लगाया जा रहा था, बल्कि इसकी कमाई को हवाला चैनलों और शेल कंपनियों के जरिए विदेश भेजा जा रहा था।
यह पहला मौका नहीं है जब ED ने इस मामले में कार्रवाई की है। इससे पहले भी करोड़ों की प्रॉपर्टी अटैच की जा चुकी है, लेकिन इस बार की रकम ने साफ कर दिया है कि स्कैम का दायरा सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों करोड़ तक फैला है। सूत्रों का दावा है कि इस रैकेट में बॉलीवुड, खेल जगत और राजनीतिक हलकों के कुछ बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं।
जांच एजेंसियों का कहना है कि यह घोटाला केवल मनी लॉन्ड्रिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े लोग युवा पीढ़ी को जुए की लत में धकेल रहे थे। करोड़ों भारतीयों से ठगी करके बनाई गई इस काली कमाई ने न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि सामाजिक ढांचे पर भी गहरा प्रहार किया है।
राजनीतिक हलकों में भी इस केस ने गर्मी पैदा कर दी है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार की नाक के नीचे यह घोटाला फलता-फूलता रहा और जब बात अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक जा पहुँची तब जाकर कार्रवाई तेज़ की गई। वहीं, सत्ता पक्ष इसे “कानून के राज” की मिसाल बताते हुए कह रहा है कि कोई भी अपराधी कानून से ऊपर नहीं।
ED की यह कार्रवाई साफ इशारा देती है कि अब फेयरप्ले बेटिंग ऐप केस महज़ एक घोटाले की फाइल नहीं रह गया, बल्कि यह आर्थिक अपराध की सबसे बड़ी पड़ताल बन चुका है। आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं, और यह घोटाला देश के सबसे बड़े बेटिंग-मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट के रूप में दर्ज होगा।