नई दिल्ली 16 अक्टूबर 2025
कांग्रेस का आरोप: मोदी सरकार के E20 पेट्रोल का झांसा
मोदी सरकार के E20 पेट्रोल का झांसा — जनता की जेब लूटी, गाड़ियां बर्बाद, और मुनाफा पहुंचा गडकरी परिवार की जेब में! देश में “स्वदेशी आत्मनिर्भरता” और “ग्रीन एनर्जी” के नाम पर एक और बड़ा खेल चल रहा है — और इस बार खेल का मैदान है पेट्रोल पंप। मोदी सरकार ने एथेनॉल-मिश्रित E20 पेट्रोल लागू कर जनता को यह यकीन दिलाया कि इससे पेट्रोल सस्ता होगा, प्रदूषण घटेगा, और किसान खुशहाल होंगे। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है, और कांग्रेस पार्टी ने इस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। देशभर के वाहन मालिक आज परेशान हैं, गाड़ियां खराब हो रही हैं, और मेंटेनेंस का खर्च आसमान छू रहा है। मोदी सरकार का यह ‘हरित सपना’ अब जनता के लिए एक कड़वा धोखा बन चुका है, जो सीधे-सीधे नागरिकों के वित्तीय स्वास्थ्य और देश के सबसे बड़े मंत्री समूह में से एक के व्यावसायिक हितों को प्रभावित कर रहा है। यह नीति केवल पर्यावरणीय सुधार के नाम पर एक आर्थिक लूट का साधन बन गई है, जिसमें जनता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है: एक ओर गाड़ियों का प्रदर्शन गिर रहा है, तो दूसरी ओर उनकी मरम्मत और रखरखाव का खर्च बेतहाशा बढ़ रहा है।
गाड़ियों के प्रदर्शन पर E20 पेट्रोल का घातक प्रभाव
E20 पेट्रोल, जिसमें 20% एथेनॉल मिलाया जाता है, कागज़ पर तो पर्यावरण के अनुकूल बताया गया था — लेकिन जमीनी हकीकत है कि इसने लाखों गाड़ियों को कबाड़ बना दिया है। देशभर से मिल रही शिकायतें बता रही हैं कि गाड़ियों का माइलेज अप्रत्याशित रूप से घट गया है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को समान दूरी तय करने के लिए अधिक ईंधन खरीदना पड़ रहा है। इसके अलावा, एथेनॉल की प्रकृति के चलते गाड़ियों के एक्सेलरेटर और कार्बोरेटर सीज़ हो रहे हैं, और कई मामलों में इंजन पूरी तरह फेल हो रहे हैं क्योंकि पुराने वाहन उच्च एथेनॉल मिश्रण के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए थे। पेट्रोल कंपनियों ने इस नए ईंधन को लागू तो कर दिया, लेकिन आम आदमी को यह नहीं बताया कि उसकी पुरानी गाड़ी इस ईंधन को सहन ही नहीं कर सकती। अब हालत यह है कि गाड़ियों के सर्विस सेंटर्स पर लाइनें लगी हैं — लोग अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी गाड़ियों को बार-बार गैराज में खड़ा कर रहे हैं, और सर्विसिंग व पार्ट्स बदलने के नाम पर हजारों रुपये ल%