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विष्णु देव साय के राज में युवाशक्ति बनी छत्तीसगढ़ की पहचान, खेल और संस्कृति से मिली नई उड़ान”

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रायपुर, छत्तीसगढ़ 

24 जुलाई 2025

छत्तीसगढ़ की मिट्टी में सिर्फ खनिज ही नहीं, कला, संस्कृति और कौशल की भी अपार विरासत छुपी हुई है। यहाँ के गांवों की गलियों से लेकर जनजातीय परंपराओं तक, हर कोने में रचनात्मकता, ऊर्जा और सामाजिक चेतना की चिंगारी देखी जा सकती है। लेकिन वर्षो तक यह राज्य न प्रतिभा को पहचान पाया, न युवाओं को दिशा दे सका। इस सोच को बदलने का श्रेय भाजपा शासन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उस नीति को जाता है, जिसने युवा शक्ति को केवल चुनावी मतदाता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माता और सांस्कृतिक दूत के रूप में देखा।

खेल के क्षेत्र में, भाजपा सरकार ने ‘खेलो छत्तीसगढ़, बढ़ो भारत’ के मंत्र के साथ खेल को करियर और सम्मान का जरिया बनाया। पहले जहां जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं भी कम होती थीं, आज राज्य में “राज्य स्तरीय युवा महोत्सव”, “छत्तीसगढ़ ओलंपिक”, “ग्रामीण खेल लीग”, और “आदिवासी पारंपरिक खेलों के संरक्षण” की योजनाएं युवाओं को मैदान में आत्मविश्वास और मंच पर पहचान दे रही हैं।

बिलासपुर, रायगढ़, रायपुर और बस्तर में स्टेडियम, खेल अकादमी, कोचिंग केंद्र, और खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति व स्वास्थ्य बीमा की सुविधाएं अब खेल को जीवन में सहेजने लायक विकल्प बना चुकी हैं। छत्तीसगढ़ की बेटियां कुश्ती, तीरंदाजी, एथलेटिक्स में अब राष्ट्रीय स्तर पर चमक रही हैं, तो युवा खिलाड़ी फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट में देश को गौरव दिला रहे हैं।

संस्कृति और कला के क्षेत्र में भी भाजपा शासन ने छत्तीसगढ़ी अस्मिता और जनजातीय गौरव को पुनर्जीवित किया है। बस्तर दशहरा, रामनामी सम्मेलन, पंथी, करमा, राऊत नाचा, और लोकगीत-लोककला महोत्सव अब केवल उत्सव नहीं, राज्य की सांस्कृतिक आत्मा के उत्सव बन गए हैं। लोक कलाकारों को मंच, मान्यता, और मानदेय देने की जो नीति बनी है, उससे गांव का कलाकार अब शहरों के मंच और डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुँच रहा है।

युवा नेतृत्व निर्माण भाजपा शासन की तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। भाजपा ने युवाओं को राजनीति, प्रशासन, पंचायत, स्टार्टअप, सोशल वर्क और टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में नेता और नवप्रवर्तक बनाने के लिए छात्रवृत्ति योजना, स्टार्टअप चैलेंज, यूथ इन गवर्नेंस, और राज्य युवा आयोग जैसी योजनाएं चलाई हैं। अब छात्र सिर्फ पढ़ने नहीं, बल्कि सोचने, सृजन करने और समाधान देने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

डिजिटल युग के युवा को भाजपा शासन ने ई-लर्निंग, डिजिटल कौशल, ऐप डेवलपमेंट, एंटरप्रेन्योरशिप ट्रेनिंग, और सोशल मीडिया संवाद के ज़रिए समझने वाला शासन दिया है। “छत्तीसगढ़ यूथ पोर्टल”, “राज्य युवा संवाद श्रृंखला”, और “डिजिटल साथी” योजना जैसी पहलों ने हर युवा को शासन का भागीदार और राष्ट्र का प्रतिनिधि बना दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह विश्वास व्यक्त किया है कि “अगर छत्तीसगढ़ का युवा जागा, तो भारत स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ेगा।” यही कारण है कि राज्य की युवा नीति अब कागज़ पर नहीं, गाँव-शहर-कॉलेज-खेत हर जगह दिखाई देती है।

भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ का युवा अब केवल रोज़गार खोजने वाला नहीं, रोज़गार, रचनात्मकता और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बन चुका है। खेलों में जोश, संस्कृति में चेतना और नेतृत्व में जागरूकता के साथ भाजपा ने राज्य के युवाओं को मूल्य, मंच और मार्ग तीनों दिए हैं। यह वही नवछत्तीसगढ़ है जिसकी कल्पना एक स्वाभिमानी, सशक्त और संस्कारी भारत में होती है — और भाजपा नेतृत्व उसे पूर्ण निष्ठा से साकार कर रहा है।

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