17 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ की युवा शक्ति — यह वह जनसांख्यिकीय ऊर्जा है, जिसने दशकों तक अवसर की प्रतीक्षा की। कभी वह खेतों और कारखानों में मज़दूरी करता था, तो कभी पलायन कर महानगरों में अस्थायी जीवन जीने पर मजबूर होता था। लेकिन भाजपा शासन, विशेषकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में, यह समझ गया कि यदि छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाना है, तो उसके युवाओं को सपनों, साधनों और संबल से जोड़ना होगा। इसी सोच के साथ राज्य ने युवा नीति को सिर्फ़ नौकरी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे हुनर, नवाचार, उद्यमिता, नेतृत्व और राष्ट्रनिर्माण के साथ जोड़ा।
भाजपा शासन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उसने युवाओं को सरकारी नौकरियों का इंतज़ार करने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाने का सपना दिखाया और उस सपने को योजनाओं में बदला। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत लाखों युवाओं को न केवल तकनीकी, डिजिटल और व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया गया, बल्कि उन्हें प्रमाण पत्र, उपकरण और प्लेसमेंट तक की सुविधा भी दी गई। युवाओं को आईटी, ड्रोन तकनीक, बायोटेक, कृषि प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, एआई और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर छत्तीसगढ़ को 21वीं सदी के रोजगार नक्शे पर मजबूती से खड़ा किया गया।
स्टार्टअप के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने चुपचाप क्रांति रची। “StartUp Chhattisgarh” कार्यक्रम के अंतर्गत युवा नवप्रवर्तकों को आर्थिक सहायता, मेंटरशिप, कानूनी सलाह, और विपणन मंच दिया गया। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, और बस्तर जैसे शहरों में इन्क्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना कर स्थानीय युवाओं के विचारों को वैश्विक पहचान से जोड़ा गया। अब छत्तीसगढ़ के युवा एग्रीटेक, हेल्थटेक, फिनटेक, ट्राइबल क्राफ्ट ई-कॉमर्स, ग्रीन एनर्जी और बायो टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
भाजपा सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि युवाओं की ऊर्जा केवल कॉर्पोरेट या शहरी विकास तक सीमित न रहे, बल्कि वह ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण, प्रशासनिक सुधार और सामाजिक जागरूकता के कामों में भी लगे। “युवा मुख्यमंत्री संवाद”, “युवा नीति 2025”, “छत्तीसगढ़ युवा आयोग”, और “राज्य स्तरीय युवा महोत्सव” जैसे आयोजनों ने युवाओं को राज्य निर्माण में भागीदारी का अवसर दिया। युवाओं को केवल वोट बैंक नहीं, विजन और वर्कफोर्स के रूप में देखा गया — यही भाजपा शासन की पहचान है।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण युवाओं को लेकर जो बड़ा बदलाव हुआ है, वह डिजिटलीकरण और सूचना क्रांति के कारण संभव हो सका। भाजपा शासन ने हर ब्लॉक में डिजिटल लैब्स, फ्री वाई-फाई ज़ोन, ई-लर्निंग हब, और कैरियर गाइडेंस सेंटर की स्थापना की, जिससे अब गाँव का छात्र भी कोडिंग सीखता है, कंप्यूटर पर रोजगार फॉर्म भरता है, और अपने मोबाइल से दुनिया से जुड़ता है। इस डिजिटल बदलाव ने पढ़ाई से लेकर आजीविका तक युवाओं की ज़िंदगी को नई दिशा दी है।
खेल और शारीरिक विकास के क्षेत्र में भी भाजपा शासन ने युवाओं के लिए नए द्वार खोले। खेलो इंडिया, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक, टैलेंट स्काउटिंग मिशन, और राज्य स्तरीय स्पोर्ट्स अकादमियों के माध्यम से युवाओं को कोचिंग, फिटनेस, डाइट, और प्रतियोगिता का मंच दिया गया। अब गाँव के युवाओं का सपना सिर्फ़ सरकारी नौकरी नहीं, राष्ट्र के लिए मेडल जीतना भी है — और शासन उनके साथ खड़ा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कई बार स्पष्ट किया है कि “युवा केवल उम्र से नहीं, विचार और संकल्प से युवा होता है। भाजपा शासन का हर निर्णय युवा-हित में और उनके भविष्य की रक्षा में लिया जा रहा है।” यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ में युवाओं को लेकर एक सकारात्मक सामाजिक माहौल बना है — बेरोज़गारी की हताशा के बजाय संभावनाओं की चर्चा हो रही है।
निष्कर्षतः, भाजपा शासन ने छत्तीसगढ़ की युवाशक्ति को केवल आँकड़ों में नहीं, बल्कि मूल्य, अवसर और आत्मबल से निखारा है। अब यहां का युवा केवल नौकरी ढूंढने वाला नहीं, नवाचार करने वाला, नेतृत्व करने वाला, और देश को दिशा देने वाला बन रहा है। छत्तीसगढ़ की यह परिवर्तनशील पीढ़ी, भाजपा की सबसे बड़ी पूंजी और “नवछत्तीसगढ़” की सबसे बड़ी उम्मीद है।