नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2025 | विशेष रिपोर्ट
चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी, विश्वसनीय और त्रुटि-मुक्त बनाने की दिशा में चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि “SIR” यानी Systematic Information Reporting प्रक्रिया के दूसरे चरण के तहत 12 राज्यों में व्यापक मतदाता सूची (Voter List) की समीक्षा और सत्यापन किया जाएगा। आयोग ने बताया कि इस प्रक्रिया में हर बूथ स्तर अधिकारी (BLO) को प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाकर जानकारी की पुष्टि करनी होगी — ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मतदाता सूची में न तो कोई “फर्जी नाम” रह जाए, और न ही कोई “वास्तविक मतदाता” छूटे।
चुनाव आयोग की नई रणनीति: घर-घर सत्यापन और डेटा अपडेट का मिशन
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि देशभर में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, मतदाता सूची की सटीकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। आयोग के मुताबिक, दूसरे चरण में 12 राज्यों — मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, पंजाब और दिल्ली — को शामिल किया गया है।
आयोग के अनुसार, “SIR” प्रक्रिया के तहत BLO (Booth Level Officer) हर घर तीन बार पहुंचेगा। पहली बार वे मतदाता की पहचान की पुष्टि करेंगे, दूसरी बार मतदाता विवरण — जैसे पता, उम्र, लिंग, फोटो — का मिलान करेंगे, और तीसरी बार किसी भी संशोधन या आपत्ति के बाद अंतिम सत्यापन करेंगे। इस दौरान BLO को एक डिजिटल टैबलेट और QR कोड आधारित ऐप दिया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन दर्ज होगी और किसी भी प्रकार की मानवीय गलती या छेड़छाड़ की संभावना समाप्त हो जाएगी।
CEC ज्ञानेश कुमार बोले — “पारदर्शिता हमारी पहली प्राथमिकता”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि SIR योजना को देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में “ऐतिहासिक पहल” के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि 2026 के आम चुनाव से पहले हर मतदाता सूची पूरी तरह अद्यतन हो, हर पात्र नागरिक का नाम सूची में शामिल हो, और हर फर्जी नाम हटाया जा सके। लोकतंत्र की ताकत उसकी पारदर्शिता में है, और पारदर्शिता की शुरुआत मतदाता सूची से होती है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग की प्राथमिकता केवल चुनाव कराना नहीं है, बल्कि “सटीक और विश्वसनीय चुनाव कराना” है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का गलत या अधूरा होना लोकतंत्र के साथ अन्याय है, इसलिए SIR प्रक्रिया को “मिशन मोड” में लागू किया जाएगा।
BLO की जिम्मेदारी और जनता की भूमिका
चुनाव आयोग ने साफ किया कि इस प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण होगी। आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि जब BLO आपके घर आए तो आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, और जन्म तिथि का प्रमाण अवश्य दिखाएँ। BLO के पास आयोग द्वारा जारी अधिकृत पहचान पत्र होगा और उनके दौरे की जानकारी पहले से SMS और नोटिस के ज़रिए दी जाएगी।
प्रत्येक BLO को अपने क्षेत्र के 2500 से 3000 मतदाताओं से मुलाकात करनी होगी। BLO द्वारा एकत्रित डेटा को सीधा चुनाव आयोग के केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाएगा, जिससे राज्य और जिला स्तर के अधिकारी तुरंत निगरानी कर सकेंगे। यह कदम “डिजिटल इलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (DEMS)” के तहत एकीकृत किया गया है, जिससे मतदाता सूची में किसी प्रकार की हेराफेरी या दोहराव का खतरा लगभग समाप्त हो जाएगा।
फर्जी वोटिंग पर रोक और नई वोटर आईडी नीति
CEC ने बताया कि इस बार विशेष ध्यान फर्जी मतदाता पंजीकरण, दोहरी प्रविष्टियों और मृत व्यक्तियों के नाम हटाने पर दिया जाएगा। आयोग ने हर राज्य के जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि BLOs द्वारा एकत्र की गई जानकारी का त्रिस्तरीय सत्यापन किया जाए। इसके अलावा, अब नई नीति के तहत वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा।
ज्ञानेश कुमार ने कहा “अब कोई व्यक्ति दो जगह से वोट नहीं डाल सकेगा। हमारी तकनीक और फील्ड सर्वे दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि हर वोट वैध हो, और हर वोटर वास्तविक हो।”
राजनीतिक दलों को मिली चेतावनी — “BLO के काम में हस्तक्षेप न करें”
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या प्रतिनिधि को BLO के कार्य में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी तरह की दबाव या भ्रम फैलाने की कोशिश पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे “SIR प्रक्रिया” को चुनावी हथियार न बनाएं, बल्कि इसे लोकतंत्र को शुद्ध करने के अभियान के रूप में देखें।
जनता के लिए नया डिजिटल पोर्टल और हेल्पलाइन
चुनाव आयोग ने साथ ही एक नया “VoterSIR Portal” और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसके ज़रिए नागरिक अपने नाम की स्थिति जांच सकते हैं, BLO की विज़िट डेट देख सकते हैं, और किसी गलती या गड़बड़ी पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह पोर्टल 24×7 खुला रहेगा, और प्रत्येक राज्य के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
लोकतंत्र की नींव को फिर से मजबूत करने की कोशिश
चुनाव आयोग की यह पहल केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक आत्मशुद्धि का प्रयास है। पिछले कुछ वर्षों में मतदाता सूची में गड़बड़ियों, फर्जी प्रविष्टियों, और वोटिंग धोखाधड़ी के बढ़ते आरोपों ने चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठाए थे। अब SIR की यह प्रक्रिया उस विश्वास को फिर से बहाल करने का प्रयास है।
यदि यह योजना सफल होती है, तो भारत विश्व के उन देशों की श्रेणी में आ जाएगा जहाँ “एक व्यक्ति — एक वोट” का सिद्धांत न सिर्फ कागज़ पर, बल्कि ज़मीनी हकीकत में लागू होता है। CEC ज्ञानेश कुमार के शब्दों में “लोकतंत्र की सच्ची शुरुआत वहीं से होती है जहाँ हर नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो, और हर नाम के साथ न्याय किया जाए।” यानी — इस बार SIR सिर्फ रिपोर्ट नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा का सत्यापन है।
 

 


