रायपुर, छत्तीसगढ़
28 जुलाई 2025
वो छत्तीसगढ़ जो कभी विकास की दौड़ में पिछड़ता दिखाई देता था, आज भाजपा शासन में डिजिटल क्रांति का उदाहरण बनकर उभर रहा है। पहले जहां सरकारी योजनाएं काग़ज़ों में उलझी रहती थीं, आज वहीं योजनाएं क्लिक और क्यूआर कोड के जरिए लोगों तक पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सोच स्पष्ट है — “डिजिटल साधन केवल सुविधा नहीं, जनता से शासन का सीधा संवाद हैं।” और इसी सोच ने छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और स्मार्ट सेवा वितरण के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी बना दिया है।
भाजपा सरकार ने शासन को तकनीक के ज़रिए घर-घर तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया। “छत्तीसगढ़ ऑनलाइन”, “जन सेवा पोर्टल”, “सी-स्काई ऐप”, “भविष्य पोर्टल”, और “ई-जनपद सेवा” जैसी योजनाओं ने अब सरकार को जनता की उंगलियों की पहुंच में ला दिया है। कोई प्रमाणपत्र चाहिए हो, शिकायत दर्ज करनी हो, पेंशन की स्थिति देखनी हो या आवास योजना की स्थिति जाननी हो — अब सब कुछ मोबाइल या CSC सेंटर के माध्यम से संभव है।
डिजिटल ग्राम पंचायत, स्मार्ट स्कूल, डिजिटल हेल्थ आईडी, और ई-कृषि मंच ने ग्रामीण भारत के उस चेहरे को भी बदला है, जो कभी “डिजिटल इंडिया” से दूर समझा जाता था। आज आदिवासी इलाकों में ऑनलाइन पंजीकरण, वर्चुअल ट्रेनिंग और सौर ऊर्जा से चलने वाली ई-लाइब्रेरी नई रोशनी ला रही हैं।
राजस्व, कृषि, शहरी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक न्याय जैसे विभागों में अब ई-फाइलिंग, ट्रैकिंग और जन मॉनिटरिंग सिस्टम लागू हैं। इससे फाइलों की धूल, भ्रष्टाचार का जाल और अफसरशाही की देरी तीनों पर करारी चोट पड़ी है।
डिजिटल भुगतान प्रणाली के अंतर्गत मनरेगा मजदूरी, छात्रवृत्ति, बुजुर्ग पेंशन, और प्रधानमंत्री आवास जैसी सभी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से बिचौलियों के बिना सीधा लाभार्थी के खाते में जा रहा है। भाजपा शासन ने इसे “भरोसे का डिजिटल मॉडल” कहा है।
ई-शिक्षा और स्मार्ट क्लासरूम की शुरुआत से अब सरकारी स्कूलों में भी बच्चे स्मार्ट बोर्ड, टैबलेट, ऑडियो-विजुअल लर्निंग और ऑनलाइन टेस्टिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे डिजिटल साक्षरता अब सिर्फ पढ़े-लिखे अभिजात वर्ग का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर बच्चे का हक बन चुका है।
डिजिटल उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए “स्टार्टअप छत्तीसगढ़ पोर्टल”, “यूथ इनोवेशन नेटवर्क”, और “ई-मार्केटप्लेस” जैसे मंचों ने स्थानीय युवाओं और महिला समूहों को अपना उत्पाद दुनिया के बाजार में बेचने का अवसर दिया है। यह स्वरोज़गार और आत्मनिर्भरता की नई दिशा बन चुकी है।
ई-गवर्नेंस का सबसे मानवीय पहलू यह है कि अब आम आदमी को अधिकार के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ते, बल्कि अधिकार खुद उनके मोबाइल स्क्रीन पर दस्तक देता है। भाजपा शासन ने ये साबित कर दिया है कि डिजिटल इंडिया का सपना रायपुर से लेकर बीजापुर तक हर कोने में संभव है — यदि इच्छाशक्ति हो तो।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहते हैं, “छत्तीसगढ़ की जनता को अब शासन देखने के लिए राजधानी नहीं जाना पड़ता — शासन अब हर गांव, हर हाथ में है।”भाजपा शासन में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि लोकतंत्र को सशक्त, सेवा को सरल और प्रशासन को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग है। यह वही नया छत्तीसगढ़ है जहां डिजिटल डिवाइड नहीं, डिजिटल डिलीवरी होती है — और यही भाजपा के शासन की सच्ची पहचान है