नई दिल्ली 18 अगस्त 2025
आज की बदलती जीवनशैली के चलते डायबिटीज़ एक वैश्विक महामारी की तरह फैल रही है, जो समय रहते न संभाली जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है, जिससे गुर्दे, आंखें, दिल और नसों को नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज़ न केवल शारीरिक कमजोरी और थकान का कारण बनती है, बल्कि इससे हृदय रोग, स्ट्रोक, और नर्व डैमेज जैसी जटिलताएं भी हो सकती हैं। इसलिए समय रहते इसकी पहचान, जागरूकता और नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है।
डायबिटीज़ से बचाव और नियंत्रण के लिए सबसे पहला कदम है सही जीवनशैली अपनाना। नियमित रूप से संतुलित और पौष्टिक आहार लेना, जिसमें मीठे और तली-भुनी चीज़ों की मात्रा कम हो, अत्यंत जरूरी है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। साथ ही, वजन नियंत्रित रखना, नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान तथा शराब से बचना भी इस बीमारी को दूर रखने में सहायक होता है। तनाव भी रक्त शर्करा को प्रभावित करता है, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है।
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए नियमित जांच और दवाओं का समय पर सेवन बेहद महत्वपूर्ण है। ब्लड शुगर के स्तर को लगातार मॉनिटर करना, डॉक्टर से सलाह लेकर दवा लेना, और स्वास्थ्य से जुड़ी सावधानियां बरतना जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही, मरीजों को अपनी दिनचर्या में बदलाव लाना चाहिए, जैसे कि भोजन के समय का ध्यान रखना, अधिक पानी पीना, और पर्याप्त नींद लेना। यह सब मिलकर डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और गंभीर जटिलताओं से बचाते हैं।
डायबिटीज़ से जुड़ी जागरूकता फैलाना भी समाज की बड़ी जिम्मेदारी है। लोगों को इसके लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी देना आवश्यक है ताकि वे समय पर कदम उठा सकें। स्कूलों, कार्यस्थलों, और स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर और सेमिनार आयोजित कर इस बीमारी के प्रति सजगता बढ़ाई जा सकती है। याद रखें, डायबिटीज़ एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही ज्ञान, नियमित देखभाल और स्वस्थ जीवनशैली से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।