चंडीगढ़
5 अगस्त 2025
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को मंगलवार को 40 दिन की पैरोल दी गई है। वे दो शिष्याओं के बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहे हैं और हरियाणा के रोहतक स्थित सुनारिया जेल में बंद हैं।
चुनाव से पहले फिर पैरोल पर बहस
राम रहीम को मिली यह छूट ऐसे समय पर आई है जब राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। अप्रैल 2025 में भी उन्हें 21 दिन की फरलो पर रिहा किया गया था। अब एक बार फिर उन्हें लंबी पैरोल मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर चुनाव से पहले उनके बाहर आने को लेकर।
समर्थकों में खुशी, आलोचकों में नाराजगी
गुरमीत राम रहीम को मिली इस छूट से उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने इसे कानून और व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
पूर्व में भी विवादों में रही है पैरोल
राम रहीम को पहले भी कई बार पैरोल और फरलो दी जा चुकी है, जिसे लेकर विवाद खड़े होते रहे हैं। उनकी पिछली छुट्टियों के दौरान सोशल मीडिया पर लाइव प्रवचन और कार्यक्रमों ने राजनीतिक संदेश देने के आरोपों को जन्म दिया था।
प्रशासन की चुप्पी
फिलहाल प्रशासन या सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि यह पैरोल किन आधारों पर दी गई है और क्या इसकी अनुमति उच्चस्तरीय विचार-विमर्श के बाद हुई है।
फिर उठेगा न्याय व्यवस्था पर सवाल?
राम रहीम जैसे सजायाफ्ता को बार-बार पैरोल देना भारतीय न्याय व्यवस्था और उसकी निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर रहा है। क्या यह सामान्य प्रक्रिया है या किसी विशेष मकसद के तहत यह छूट दी गई है—इस पर निगाहें टिकी हैं।