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दिल्ली: यमुना का जलस्तर 207 मीटर के पार, हज़ारों बिस्किट पर गुज़ारा करने को मजबूर

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नई दिल्ली 4 सितम्बर 2025

दिल्ली में खतरे की घंटी, बढ़ती तबाही

राजधानी दिल्ली में यमुना नदी ने बुधवार को पुराने रेलवे पुल पर अपना रौद्र रूप दिखाते हुए जलस्तर 207 मीटर के पार कर लिया है। यह स्तर खतरे के चिन्ह से लगभग दो मीटर ऊपर है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गंभीर हो गया है। हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से लगातार बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते स्थिति लगातार बिगड़ रही है। प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए इन क्षेत्रों के लोगों को सतर्क किया है, वहीं बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय है।

हजारों लोग बेघर, राहत शिविरों में उम्मीद

यमुना के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी के कारण राजधानी के पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और मध्य जिलों के करीब 7,500 से अधिक लोगों को बचाव एजेंसियों द्वारा सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। प्रभावित परिवारों को 25 विभिन्न राहत शिविरों—तंबू और स्कूलों में शरण दी गई है। निगम बोध घाट, ओल्ड उस्मानपुर, वासुदेव घाट और मयूर विहार समेत तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। कई मंदिरों और रिहायशी इलाकों को भी नुकसान पहुँचा है, लोग सिर पर छत के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

खाने-पानी की किल्लत, बिस्किट पर बच रही जिंदगी

राहत शिविरों और हाईवे किनारे शरण लेने वालों के लिए भोजन और पानी का संकट नया सिर दर्द बन गया है। बाढ़ पीड़ित परिवारों की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही हैं, जहां लोग केवल बिस्किट और सूखे खाद्य पदार्थों पर गुज़ारा कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई परिवार घंटों लाइन में लगकर आधा पेट भोजन जुटा पा रहे हैं, जबकि पीने के शुद्ध पानी की भी भारी किल्लत बनी हुई है।

आने वाले दिन मुश्किल, प्रशासन अलर्ट

मौसम विभाग ने 8 सितंबर तक दिल्ली में बारिश की आशंका जताई है और ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है। इससे हालात और बिगड़ने की संभावना है। एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती बढ़ा दी गई है, सुरक्षात्मक दीवारों के बावजूद पानी ने कई हिस्सों को डुबो दिया है। दिल्ली प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है और सभी प्रभावित नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

प्रशासन से अपील: राहत सामग्री और स्वास्थ्य सेवाएँ दें

बाढ़ पीड़ितों की सबसे बड़ी जरूरत इस समय भोजन, पानी, सुरक्षित आश्रय और औषधियों की है। स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा है कि राहत कार्य में तेजी लाएं, हर इलाके में लोगों तक सुविधाएँ पहुँचें, बच्चों-बुजुर्गों की प्राथमिक देखभाल हो। साथ ही, प्रशासन को दीर्घकालिक योजनाएँ बनाकर बाढ़ से बचाव और पुनर्वास की प्रक्रिया तेज करनी होगी। दिल्ली हर पल यमुना की लहरों से लड़ रही है। खतरे की इस घड़ी में प्रशासन और समाज को मिलकर बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षा, भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए तत्पर रहना होगा।

 

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