नई दिल्ली/पटना, 13 सितंबर 2025
दिल्ली पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी के एक कथित विवादास्पद एआई-जनरेटेड वीडियो को लेकर कांग्रेस पार्टी के आईटी सेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह वीडियो, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, बिहार कांग्रेस द्वारा पोस्ट किया गया बताया जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसी दिखने वाली दो किरदारों को दर्शाया गया है। इस मामले ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक विवाद को और हवा दे दी है।
घटना का विवरण
वीडियो में एआई तकनीक का उपयोग कर हीराबेन मोदी को बिहार चुनावों से संबंधित संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी करते दिखाया गया है। इसमें कथित तौर पर पीएम मोदी की नीतियों और बिहार की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाना), 465 (जालसाजी), और 469 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वीडियो को कांग्रेस आईटी सेल ने बनाया और प्रसारित किया, जिसका उद्देश्य पीएम मोदी की छवि खराब करना और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले माहौल बिगाड़ना था।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का बयान
इससे पहले, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इस वीडियो में पीएम मोदी की दिवंगत मां के प्रति अपमान कहां दिखाया गया है? मुझे एक भी शब्द या इशारा दिखाएं, जिसमें अपमान हो। माता-पिता का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें। वीडियो में वह केवल अपने बच्चे को नसीहत दे रही हैं। अगर बच्चे को लगता है कि यह उसके लिए अपमानजनक है, तो यह उसकी समस्या है, न मेरी, न आपकी।”
खेड़ा ने आगे कहा, “भाजपा हर चीज को मुद्दा बनाकर फर्जी सहानुभूति क्यों बटोरने की कोशिश करती है? अब ऐसी चीजों के लिए कोई फर्जी सहानुभूति नहीं बची है। श्रीमान मोदी ‘मुझे छुओ मत’ वाली राजनीति नहीं कर सकते। वे राजनीति में हैं, और उन्हें विपक्ष के हास्य को भी ठीक से लेना होगा। वैसे, इसमें कोई हास्य नहीं है, इसमें केवल नसीहत है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भाजपा ने वीडियो को “घिनौना और अपमानजनक” बताते हुए कड़ी निंदा की है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस की आईटी सेल ने एआई का दुरुपयोग करके पीएम मोदी की मां का अपमान किया है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।” वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि वीडियो का प्रसारण उनके आईटी सेल से नहीं हुआ। कांग्रेस ने इसे भाजपा का राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि यह बिहार चुनावों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
बिहार चुनाव 2025 का संदर्भ
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर यह विवाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है। बिहार कांग्रेस समाचार और स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित है, और यह मामला बिहार चुनाव समाचार में प्रमुखता से छाया हुआ है। विपक्षी दलों ने इस पर चुप्पी साधी है, जबकि स्थानीय मीडिया में इसे बिहार इलेक्शन 2025 की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
जांच और आगे की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने वीडियो के मूल स्रोत की जांच शुरू कर दी है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से डेटा मांगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई-जनरेटेड कंटेंट के दुरुपयोग से साइबर क्राइम के मामले बढ़ सकते हैं। निर्वाचन आयोग भी बिहार चुनाव 2025 को देखते हुए ऐसे कंटेंट पर नजर रख रहा है।
यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक माहौल को और गर्म कर सकती है, जहां बिहार हिंदी न्यूज और बिहार चनाव से जुड़े मुद्दे पहले से ही चर्चा में हैं। जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर बहस का विषय बन गया है।