हाल ही में एयर इंडिया फ्लाइट 171 का बहुत बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 260 लोग मारे गए। इस हादसे ने बहुत से लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित किया। लोग दुखी थे। कई लोग इस तरह के हादसे का सोच कर हवाई यात्रा से सहमने लगे थे।
ऐसे में इस हादसे ने कुछ युवा इंजीनियरों को एक ऐसी खोज पर काम करने के लिए प्रेरित किया, जो हो सकता है हमारी हवाई यात्रा को पूरी तरह बदल दे। इस खोज का नाम है Project REBIRTH। इसमें विमान के बाहर एक खास एयरबैग लगाया जाएगा, जो AI यानी कृत्रिम बुद्धि से चलता है और हादसे के वक्त खुद-ब-खुद फुल जाता है।
कल्पना कीजिए, जब विमान गिरने वाला हो और पता चल जाए कि टक्कर होगी, तो यह एयरबैग ज़ोरदार असर से बचाने के लिए विमान को धीरे-धीरे और कोमल तरीके से कुहनी में लपेट लेगा। यह एयरबैग बहुत ही तेजी से, केवल दो सेकंड में विमान के नाक, नीचे और पीछे से बाहर निकल जाता है, जैसे कार में एयरबैग खुलते हैं। यह एयरबैग ऐसे खास कपड़े और गाढ़े पदार्थ से बना होता है, जो झटके को कम कर देता है और यात्रियों को चोट लगने से बचाता है।
यह सिस्टम AI की मदद से पूरी उड़ान को ध्यान से देखता रहता है। अगर विमान 3,000 फीट से नीचे हो और लैंडिंग मुश्किल लग रही हो, तो यह अपने आप सक्रिय हो जाता है। साथ ही, अगर इंजन अभी भी काम करते हों तो यह विमान की रफ्तार कम भी कर सकता है। दुर्घटना के बाद बचाव टीम को भी मदद देने के लिए एयरबैग चमकीले नारंगी रंग का होता है और इसमें GPS, बीकन और रोशनी लगाई जाती है ताकि लोगों को जल्दी निकाला जा सके।
यह आइडिया दो युवा इंजीनियरों — एशेल वसीम और धर्शन श्रीनिवासन ने सोचा है। वे बताते हैं कि जून 2025 के हादसे ने उनके दिलों को बहुत दुखी कर दिया और इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने की ताकत दी। यह प्रोजेक्ट अब दुनिया के नामी James Dyson Award के फाइनल में पहुंच चुका है।
लोग इस आइडिया को लेकर बहुत उत्साहित हैं, लेकिन कुछ सोचते हैं कि बेहतर विमान बनाना ही सबसे अच्छा रास्ता है। फिर भी, इंजीनियरों का मकसद है कि अगले पांच सालों में इस तकनीक को असल उड़ानों में इस्तेमाल किया जाए ताकि हादसे में जिंदगी बचाना ज्यादा आसान हो जाए।
सच कहें तो, ये AI एयरबैग तकनीक हवाई उड़ानों को सुरक्षित बनाने में एक बड़ा कदम हो सकता है और यात्रियों के लिए आशा की किरण।
#CrashProofPlane #AirIndiaCrash #AIInnovation #FlightSafety #ProjectREBIRTH