लखनऊ, उत्तर प्रदेश । 2 अगस्त 2025 |
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आई बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। सीएम योगी ने शनिवार को 11 वरिष्ठ मंत्रियों की एक विशेष ‘टीम-11’ गठित की, जो राज्य के 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि हर प्रभावित परिवार तक सहायता पहुंचे।
टीम-11 का गठन, हर जिले को एक मंत्री की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के मुताबिक, हर मंत्री को एक या अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये मंत्री संबंधित जिलों में जाकर वहां के डीएम, एसपी, सीएमओ और राहत कार्यों से जुड़े अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे और जमीनी हकीकत का निरीक्षण कर सरकार को रिपोर्ट देंगे। साथ ही, वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जरूरतमंदों को त्वरित राहत सामग्री, दवाएं और सुरक्षित आश्रय मिल सके।
24×7 अलर्ट मोड पर प्रशासन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी ज़िलाधिकारियों (DM), पुलिस अधीक्षकों (SP) और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे 24 घंटे फील्ड में मौजूद रहें। बाढ़ग्रस्त इलाकों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि “जनता को संकट की इस घड़ी में अपने सरकार और प्रशासन के साथ खड़ा महसूस होना चाहिए।”
सरकारी मशीनरी में तेजी और पारदर्शिता की चेतावनी
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में राशन, पीने का पानी, मेडिकल टीमों की व्यवस्था, नावों और राहत शिविरों की स्थिति की समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या घोटाले की खबर आई तो जिम्मेदार अफसरों और कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जनता से संवाद और विश्वास का आह्वान
सीएम योगी ने टीम-11 के मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे राहत शिविरों में जाकर लोगों से सीधा संवाद करें और उनकी समस्याएं सुनें। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार हर नागरिक के जीवन और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। संकट की घड़ी में सरकार की जवाबदेही और मानवीय संवेदनाएं सबसे पहले होनी चाहिए।”
राहत नहीं, राहत का संकल्प
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम जहां आपदा प्रबंधन की तत्परता दिखाता है, वहीं आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को भी ज्यादा सक्रिय और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा संकेत है। अब निगाहें इस पर होंगी कि यह ‘टीम-11’ ज़मीन पर क्या असर दिखा पाती है और जनता को वास्तविक राहत कितनी जल्दी मिलती है।