नई दिल्ली/ पटना
27 जुलाई 2025
बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर उठते सवालों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार की मौजूदा सरकार को समर्थन देना अब उनके लिए शर्मिंदगी का कारण बनता जा रहा है। चिराग ने कहा कि राज्य में अपराध बेलगाम हो गया है और सरकार पूरी तरह से विफल नजर आ रही है। उन्होंने हाल में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बताया कि अपराधी अब खुलेआम दिनदहाड़े हत्याएं कर रहे हैं और प्रशासन उनके सामने झुकता हुआ प्रतीत हो रहा है।
चिराग पासवान की तीखी प्रतिक्रिया पटना के एक निजी अस्पताल में एक कैदी की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद आई, जहां हमलावर अस्पताल के ICU में घुस गए और सरेआम हत्या को अंजाम देकर फरार हो गए। उन्होंने इस घटना को “बिहार की कानून व्यवस्था के पूर्ण पतन” का उदाहरण बताया। चिराग ने कहा कि जब अपराधी अस्पतालों तक में घुसकर गोलियां चला रहे हैं, तब आम आदमी की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? उन्होंने ट्विटर (अब X) पर अपनी बात रखते हुए कहा कि “हर दिन हत्या, लूट और बलात्कार की खबरें आ रही हैं, और प्रशासन मूकदर्शक बनकर बैठा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता आम नागरिक की सुरक्षा नहीं बल्कि सत्ता बचाना रह गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि एक गंभीर और सच्चा चिंता का विषय है। चिराग का कहना है कि “लोग डरे हुए हैं, कानून का भय समाप्त हो चुका है और ऐसा लगता है जैसे पूरा प्रशासन अपराधियों के आगे आत्मसमर्पण कर चुका है।” उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह पूरी तरह से विफल हो चुकी है और केवल कागज़ों में व्यवस्था ठीक दिखाने की कोशिश की जा रही है, जबकि ज़मीनी सच्चाई यह है कि बिहार एक बार फिर अपराध की चपेट में लौटता दिख रहा है।
चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बिहार की जनता की अपेक्षाओं से समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो वे सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाएंगे और ज़िम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय करने के लिए संसद और सार्वजनिक मंचों से आवाज़ उठाएंगे। उन्होंने कहा, “मैं बिहार की जनता के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता। अगर कोई सरकार लोगों की सुरक्षा की बुनियादी जिम्मेदारी नहीं निभा सकती, तो उसे सवालों का सामना करना ही पड़ेगा।” चिराग के इस बयान को राजनीतिक हलकों में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र एक रणनीतिक संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि चिराग पासवान एनडीए के सहयोगी दल के नेता हैं, लेकिन उनकी यह सार्वजनिक आलोचना यह दर्शाती है कि बिहार की जमीनी हकीकत ने राजनीतिक समीकरणों को भी हिला दिया है। राज्य में बढ़ते अपराध, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, और युवाओं की बेरोजगारी को लेकर जो माहौल बना है, उसने विपक्ष के साथ-साथ अब सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर से भी नाराज़गी की आवाज़ें तेज़ कर दी हैं। चिराग का यह बयान सिर्फ राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य को लेकर एक गहरी चिंता का संकेत है, जो प्रशासन और सत्ता के लिए एक गंभीर चेतावनी बन सकता है।
चिराग पासवान ने जिस सख्ती से नीतीश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, वह सिर्फ एक सहयोगी दल का आक्रोश नहीं बल्कि एक जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी का सार्वजनिक प्रदर्शन है। उनकी बातों में जो नाराज़गी और निराशा झलक रही है, वह यह दर्शाती है कि बिहार में अपराध और अव्यवस्था की स्थिति अब राजनीतिक चुप्पी से बाहर आ चुकी है और यदि सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो जनता की अदालत में इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है।