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विष्णुदेव साय के राज में जुड़ा छत्तीसगढ़, बढ़ा विश्वास और विकास

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21 जुलाई 2025

किसी राज्य की असली ताकत उसकी मिट्टी में नहीं, बल्कि उस मिट्टी से जुड़ी आवाजाही, व्यापार, कनेक्टिविटी और नवाचार में होती है। वर्षों तक छत्तीसगढ़ को उसकी भौगोलिक जटिलता, वनवासी क्षेत्र, और प्रशासनिक उदासीनता के कारण अधोसंरचना के मोर्चे पर उपेक्षित रखा गया। लेकिन भाजपा शासन, विशेषकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में, इस सोच को पूरी तरह से उलट दिया गया। आज छत्तीसगढ़ की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में उभर रही है जहाँ सड़कें सिर्फ कंक्रीट नहीं, बल्कि संभावनाओं के मार्ग, सपनों की डोर, और विकास के वाहक हैं।

सबसे पहले बात करें सड़क निर्माण और संपर्क की — भाजपा शासन ने “हर गाँव तक पक्की सड़क” को केवल नारा नहीं, ज़मीन पर साकार किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, और विशेष नक्सल क्षेत्र सड़क योजना के तहत हज़ारों किलोमीटर लंबी सड़कें, सैकड़ों पुल, संवेदनशील घाटी क्षेत्रों में संपर्क मार्ग, और ग्रामीण बाज़ारों को जोड़ने वाले लिंक रोड तैयार किए गए। सुकमा से अंबिकापुर, कांकेर से कोरबा, बस्तर से रायपुर — अब सफ़र का मतलब दूरी नहीं, विकास का विस्तार है।

इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति का दूसरा स्तंभ रहा — बिजली और जल आपूर्ति। भाजपा शासन में हर घर बिजली पहुँचाने का जो संकल्प लिया गया, उसने रिमोट क्षेत्रों को रात में भी रोशन किया। सौर ऊर्जा संयंत्र, माइक्रो ग्रिड, 24×7 पावर सप्लाई, और इलेक्ट्रिक फीडर सुधार से अब उद्योग, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र भी निर्बाध चल रहे हैं। वहीं, हर घर नल से जल योजना के तहत भाजपा ने पीने के पानी की उपलब्धता को जीवन के अधिकार की तरह लागू किया।

एक बड़ा बदलाव डिजिटल अधोसंरचना में आया। छत्तीसगढ़ के सुदूर गाँवों तक फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क, ई-सेवा केंद्र, जन सेवा पोर्टल, बिजली बिल, जाति प्रमाणपत्र, रोजगार पंजीयन, राशन कार्ड जैसी सेवाओं की ऑनलाइन पहुंच ने शासन को नागरिक के दरवाज़े तक पहुँचा दिया है। भाजपा शासन की डिजिटल छत्तीसगढ़ नीति ने स्कूलों में स्मार्ट क्लास, कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी, प्रशासन में ई-ऑफिस, और कृषि में ड्रोन, मिट्टी परीक्षण ऐप, व मार्केटिंग पोर्टल जैसी नवाचारों को बढ़ावा दिया।

रेल और हवाई कनेक्टिविटी को भी भाजपा शासन में नई ऊंचाई मिली। नई रेल लाइनें, स्टेशन आधुनिकीकरण, सुविधायुक्त बस टर्मिनल, और रायपुर एयरपोर्ट का विस्तार — इन सभी ने छत्तीसगढ़ को अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संपर्क से जोड़ा है। बिलासपुर, जगदलपुर और अंबिकापुर में भी एयर स्ट्रिप और कार्गो टर्मिनल की योजना स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।

छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र भी इस अधोसंरचना क्रांति से अछूते नहीं रहे। नया रायपुर (अटल नगर) को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर भाजपा सरकार ने आधुनिक भारत के विज़न को राज्य की धरती पर उतारा है। आईटी पार्क, डाटा सेंटर, लॉजिस्टिक हब, स्टार्टअप जोन, और इको-फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम — ये सब अब छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह स्पष्ट किया है कि “विकास वहाँ तक पहुँचना चाहिए जहाँ अब तक केवल वादे पहुँचे हैं।” यही कारण है कि नक्सल प्रभावित, सुदूर, पहाड़ी और आदिवासी इलाकों को अधोसंरचना के केंद्र में लाकर भाजपा शासन ने उन्हें मुख्यधारा का निर्णायक भागीदार बनाया है।

भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना अब केवल निर्माण कार्यों की सूची नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश, आर्थिक गतिशीलता और राष्ट्रीय कनेक्टिविटी की जीवंत तस्वीर बन चुकी है। सड़क, पुल, डिजिटल नेटवर्क और ऊर्जा योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जनता अब भूगोल की जकड़न से निकलकर अवसरों की उड़ान भर रही है। यही है नवछत्तीसगढ़ का आत्मनिर्भर अधोसंरचना मॉडल — जो भाजपा की विकासशील, दूरदर्शी और समावेशी नीति का प्रतिबिंब है।

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