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छत्तीसगढ़ : आयुष्मान भारत से ग्राम आरोग्य तक की सशक्त यात्रा

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रायपुर, छत्तीसगढ़ 

26 जुलाई 2025

छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहाँ भूगोल की चुनौतियाँ और सामाजिक विषमताएँ स्वास्थ्य सुविधाओं के रास्ते में दीवार बनती थीं, वहाँ भाजपा शासन ने चिकित्सा को अधिकार, और स्वास्थ्य सेवाओं को सम्मान और सेवा का प्रतीक बना दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में अब स्वास्थ्य केवल अस्पतालों की गिनती नहीं, बल्कि गाँव की चौपाल से शहर के सुपरस्पेशलिटी सेंटर तक फैली एक जागरूक और जवाबदेह व्यवस्था है।

आयुष्मान भारत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन ने छत्तीसगढ़ के लाखों गरीबों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया। भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि ग़रीब को इलाज के लिए ज़मीन, गहने या इज़्ज़त न बेचनी पड़े — अब स्वास्थ्य कार्ड से अस्पताल के दरवाज़े खुलते हैं। राज्य में हज़ारों मरीजों ने कैंसर, हृदय रोग, ऑपरेशन और गंभीर बीमारियों में इस योजना के तहत राहत पाई, जिससे उनका जीवन, परिवार और भविष्य तीनों बचा।

जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण भाजपा शासन की दूसरी बड़ी उपलब्धि है। नवीन मशीनें, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, और 24×7 आपातकालीन सेवाएं अब सरकारी अस्पतालों की नई पहचान बन चुकी हैं। AIIMS रायपुर, मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर, बिलासपुर, जगदलपुर जैसे केंद्रों को न केवल उच्च गुणवत्ता दी गई, बल्कि टेलीमेडिसिन, डिजिटल रजिस्ट्रेशन और मोबाइल स्वास्थ्य सेवा से उन्हें जनता के और निकट लाया गया।

गांवों और दूरदराज़ क्षेत्रों के लिए भाजपा सरकार ने “मुख्यमंत्री हाट-बाज़ार क्लिनिक योजना” शुरू की — जो एक चलता-फिरता अस्पताल है। साप्ताहिक हाट में लगने वाली ये मोबाइल मेडिकल वैनें आदिवासी और पिछड़े इलाकों में तत्काल इलाज, मुफ्त दवा, जांच और परामर्श जैसी सेवाएं लेकर पहुँचीं। जहाँ न एंबुलेंस जा पाती थी, वहाँ भाजपा सरकार की योजना चलकर पहुँची।

मातृ और शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। “जननी सुरक्षा योजना, मातृ वंदना योजना, और नवजात देखभाल इकाइयाँ” अब मातृत्व को खतरे से नहीं, सम्मान और सुरक्षा से जोड़ती हैं। सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव, पोषण आहार, टीकाकरण और महिला चिकित्सकों की मौजूदगी ने ग्रामीण महिलाओं का भरोसा जीता है।

आंगनबाड़ी, आशा और मितानिन कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार ने केवल पंक्ति के अंतिम स्वास्थ्य सेवक नहीं माना, बल्कि उन्हें राज्य का स्वास्थ्य योद्धा बनाया है। उनका मानदेय बढ़ाया गया, प्रशिक्षण दिया गया, और प्रोत्साहन राशि देकर उनके काम को मूल्य और मान्यता दी गई।

पोषण और जनस्वास्थ्य जागरूकता भी भाजपा शासन की प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्कूल पोषण कार्यक्रम, और एनीमिया मुक्त अभियान से बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य में नियमित सुधार देखा गया है।

दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य शिविर, मोबाइल हेल्थ यूनिट, दवाओं की होम डिलीवरी, और डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड जैसी योजनाओं ने सेवा को काग़ज़ से निकालकर घर तक पहुँचा दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बार-बार कहा है: “स्वास्थ्य केवल इलाज नहीं, आत्मसम्मान का विषय है। भाजपा शासन हर छत्तीसगढ़िया को यह भरोसा देना चाहता है कि कोई भी बीमारी उसके जीवन की बाधा नहीं बनेगी।” यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवा लाभ नहीं, अधिकार और आत्मबल का माध्यम बन गई है।

निष्कर्षतः, भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य क्षेत्र अब मशीनों, बिल्डिंग और रिपोर्ट्स तक सीमित नहीं — बल्कि संवेदना, समर्पण और सर्वसुलभता की जीवंत तस्वीर बन चुका है। यह वही “नवछत्तीसगढ़” है जहाँ इलाज में भेद नहीं, सेवा में देर नहीं, और स्वास्थ्य में भरोसा है — और यही भाजपा की पहचान है

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